Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ 207-206 ग्रैवेयकवासी देवों के स्थानों की प्ररूपणां 210 अनुत्तरौपपातिक देवों के स्थानों की प्ररूपणा 187 ' कल्पों के अवतंसकों का रेखाचित्र 186 211 सिद्धस्थान का वर्णन 186-197 तृतीय बहुवक्तव्यता (अल्प-बहुत्व) पद : 198-263 प्राथमिक 168-200 212 दिशादि 27 द्वारों के नाम 201 213-224 दिशा की अपेक्षा से जीवों का अल्प-बहुत्व 201-211 225-226 पांच या आठ गतियों की अपेक्षा से जीवों का अल्प-बहुत्व 227-231 इन्द्रियों की अपेक्षा से जीवों का अल्प-बहुत्व 213 232-236 काय की अपेक्षा से सकायिक, अकायिक एवं षट्कायिक जीवों का अल्प-बहुत्व 217 237-251 सूक्ष्म-बादर काय का अल्प-बहत्व 222 252 योगों की अपेक्षा से जीवों का अल्प-बहत्व 240 253 वेदों की अपेक्षा से जीवों का अल्प-बहत्व 241 254 कषायों की अपेक्षा से जीवों का अल्प-बहत्व 242 255 लेश्या की अपेक्षा जीवों का अल्प-बहुत्व 243 256 तीन दृष्टियों की अपेक्षा जीवों का अल्प-बहुत्व 244 257-256 ज्ञान और अज्ञान की अपेक्षा जीवों का अल्प-बहुत्व 244 260 दर्शन की अपेक्षा जीवों का अल्प-बहुत्व 246 261 संयत आदि की अपेक्षा जीवों का अल्प-बहत्व 247 262 उपयोगद्वार की दृष्टि से जीवों का अल्प-बहुत्व 247 पाहारक-अनाहारक जीवों का अल्प-बहुत्व 264 भाषा की अपेक्षा जीवों का अल्प-बहुत्व 265 परित्त आदि की दृष्टि से जीवों का अल्प-बहुत्व 266 पर्याप्ति की अपेक्षा जीवों का अल्प-बहत्व 267 सूक्ष्म आदि की दृष्टि से जीवों का अल्प-बहत्व 268 संज्ञी आदि की दृष्टि से जीवों का अल्प-बहत्व 266 भवसिद्धिकद्वार के माध्यम से जीवों का अल्प-बहुत्व 270-273 अस्तिकायद्वार के माध्यम से षड्द्रव्य का अल्प-बहुत्व 252 274 चरम और अचरम जीवों का अल्प-बहुत्व 257 275 जीवादि का अल्प-बहुत्व 258 276-324 क्षेत्र की अपेक्षा से ऊर्वलोकादिगत विविध जीवों का अल्प-बहत्त्व 256 325 आयुष्यकर्म के बन्धक-प्रबन्धक आदि जीवों का अल्प-बहुत्व 277 326-333 पुद्गलों, द्रव्यों आदि का द्रव्यादि विविध अपेक्षाओं से अल्प-बहुत्व 280 334 विभिन्न विवक्षाओं से सर्व जीवों के अल्प-बहुत्व का निरूपण 286 UdW0.0. [28] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org