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समयसुन्दरकृतिकुसुमाञ्जलि
विमल विहार प्रणमी जिन पूज्या, केशर चंदन कपूर मेरे लाल। देव जुहारया रूड़ी देहरी, भाव भगति भरपूर मेरे लाल।२। वस्तग तेजल वसही बंदया, राजुलवर जिनराय मेरे लाल। मंडप मोह्यो मन माहरउ, जोता तृप्ति न थाय मेरे लाल ।३। भाव सुभीमग वसही भेट्या, आदीसर उल्हास मेरे लाल। मंडलीक वसही मुख मंडण, चउमुख चरच्या पास मेरे लाल।४। अचलगढे आदीसर अरच्या, चौमुख प्रतिमा च्यार मेरे लाल। शांति कुंथुप्रतिमा अति सुदर, प्रणमी अवर विहार मेरे लाल ।। संवत सोल सत्तावन वरसे, चैत्र वदि चौथ उदार मेरे लाल । यात्रा करी जिनसिंहमूरि सेती, चतुर्विध संघ परिवार मेरे लाल।६।
आबू तीरथ बिंब अनुपम, काउसग्गिया अभिराम मेरे लाल । समयसुन्दर कहइ नित २ माहरो,त्रिकरण शुद्ध प्रणाम मेरे लाल ७
श्री आबू आदीश्वर भास आबू परवत रूयडउ आदीसर,
उंचउ गाऊ सात रे आदीसर देव । पाजइ चढतां दोहिलउ आदीसर,
पणि पुण्य नी घणी बात रे आदीसर देव ॥१॥ आबू नी जात्रा करी आदीसर,
सफल कियउ अवतार रे आदीसर देव ।आंकणी।
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