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समयसुन्दरकृतिकुसुमाञ्जलि
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पंचवरण फूला नी माल, प्रतिमा कंठि ठवुसुविशाल । मृदमद अगर धूप घनसार, जय जय सुमतिनाथ सुखकार।६। एगसाडि करि उत्तरासंग, शक्रस्तव पभरणू मन रंगि। गीत गान गुण गाऊँ सार, जय जय सुमतिनाथ सुखकार। ७ । प्रभु भजतां पुण्य पडूर, दुख दोहग नासइ सवि दूरि । पुत्र कलत्र वाघ परिवार, जय जय सुमतिनाथ सुखकार । ८ । आरति चिन्ता अलगी टलइ, मन चिंतव्या मनोरथ फलइ। राज तेज दीपइ दरबार, जय जय सुमतिनाथ सुखकार ।।
आज मनोरथ सगला फल्या, सुमतिनाथ तीर्थंकर मिल्या। अरिहंतदेव जगत आधार, जय जय सुमतिनाथ सुखकार ।१०। सुमतिनाथ जिनवर पांचमउ, कल्पवृक्ष चिंतामणि समउ। मंगला राणी मेघ मल्हार, जय जय सुमतिनाथ सुखकार ।११। प्रतिमा अष्टकमलदल तणी, देहरासरि पूजू सुख भणी। अष्ट महानिधि रिधि दातार, जय जय सुमतिनाथ सुखकार।१२। सुमतिनाथ साचउ तू देव, भवि भवि हुइज्यो तोरी सेव। समयसुन्दर पभणइ सुविचार,जय जय सुमतिनाथ सुखकार ।१३।
पाल्हणपुरमण्डन-४४ द्वयर्थरागगर्भित-चन्द्रप्रभजिनस्तवनम् सेवो श्री चन्द्रप्रभ स्वामी, ___मविक उठी परभाति१ रे।
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