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श्री साचोरतीथे महावीरजिन स्तवनम्
( २०५ )
श्री साचोर तीर्थ महावीर जिन स्तवनम्
धन्य दिवस मइं आज जुहारचउ, साचोरउ महावीर जी। मूलनायक अति सुंदर मूरति, सोवन वरण सरीर जी ध.१। जूनउ तीरथ जगि जाणीजइ, आगम ग्रंथइ साख जी जिन प्रतिमा जिन सारखी जाणउ, भगवंत इण परि भाखजी घ.२। सजइ जिम श्री आदीसर, गिरनारे नेमिनाथ जी । मुनिसुव्रत स्वामी जिम भरु अच्छइ, मुक्तिनउ मेलइ साथ जी ।ध.३॥ मूलनायक जिम मथुरा नगरी, पार्श्वनाथ प्रसिद्ध जी। तिम साचोर नगर मंइ सोहइ, श्री महावीर समृद्ध जी ।ध.४। तीर्थकर नउ दर्शन देख्यउ, प्रह ऊगमते सूर जी। निज समकित निर्मल थावइ, मिथ्यात्व जावइ दूर जी ध.५॥
आर्द्र कुमारे समकित पाम्यउ, जिनवर प्रतिमा देख जी। चउद पूरबधर भद्रबाहु स्वामी, तेहना वचन विशेष जी ।ध.६। सज्यंभव गणधर प्रतिबूभयउ, प्रतिमा कारण तेथ जी। परभव मुक्ति ना सुख पामीजई, हित सुख संपति एथ जी ।ध.७। चित्र लिखित नारी देखी नइ, उपजइ चित्त विकार जी। तिम जिन प्रतिमा देखी जागइ, भक्ति राग अति सार जी ध. जिन प्रतिमा नई जुहारवा जाता, पग थयउ मुझ सुपवित्त जी। मस्तक पण प्रणमंतां माहरउ, सफल थयउ सुविचित जी ध.६।
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