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समय सुन्दर कृ तिकुसुमाञ्जलि
साधु श्रावक धर्म तीरथ यात्रा,
शील धर्म तप ध्यान जी ॥ पु० ॥ २ ॥ सामायिक पोषह पड़िकमणो, देव पूजा गुरु सेव जी ।
( ५३४ )
पुण्य तरणा ए भेद परूप्या,
अरिहंत वीतराग देव जी ॥ ५० ॥ ३ ॥
सरणागत राख्यउ पारेवउ,
पूरव भव परसिद्ध जी ।
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शांतिनाथ तीर्थंकर
पदवी,
पाम्या चक्रवर्ती चक्रवर्ती रिद्ध जी ॥ पु०॥ ४ ॥
गज भवे ससलउ जीव उबारचो, अधिक दया मन आणिजी ।
मेघ कुमार हुयो महा भोगी,
श्रेणिक पुत्र सुजाए। जी ॥ पु० ॥ ५ ॥ साधु तराउ उपदेश सुखी नह,
मूक्यउ मछली जाल जी । नलिनी गुल्म विमान थकी थयो, यवंती सुकमाल पंच मच्छ राख्या मालि भवि, पंच यक्ष दियउ राज जी । राजकुमर लीला सुख लीधा,
जी ॥ पु० ॥ ६ ॥
सुभट कटक गया भाज जी || पु०॥ ७ ॥
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