Book Title: Samaysundar Kruti Kusumanjali
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Nahta Brothers Calcutta
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( ५८२ ) समय सुन्दर कृतिकुसुमाञ्जलि
सेत्रञ्ज ऊपरि कीजीयइ ए, पांचे ठामे कलस अोतर सउ करी ए, निरमल नीर प्रथम आदीसर आगल ए, पुण्डरीक गणधार | से. । रायणि नह पगली वली ए, शांतिनाथ सुखकार ।१३। सं.। रायणितलि पगलां नमेँ ए, चउमुख प्रतिमा च्यार । से. वीजी भूमि बिंत्रा * वली ए, पुण्डरीक गणधार | १४ | से. सूरजकुण्ड निहालीयइए, ति भलि उलखी + झोल । से. । चेला तलाई सिधसिला ए, अंगि फरसुँ उल्लोल | १५| से । आदिपुर पाज उतरूँ ए, सिधवड लं विश्राम | से. । चैत्र परिवड इण परि करी ए, सीधा वंछित काम | १६ | से. । जात्रा करी क्षेत्र अ तरणी ए, सफल कीयउ अवतार | से. । कुसल खेमसु श्रावीय ए, संघ सहु सपरिवार | १७ | से.। सेत्र रास सोहामणउ, सांभलजो सहु कोय । से. ।
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घर बइठां भइ भाव सुं ए, तसु जात्रा फल होय । १८ । से. । संवत सोलसर व्यासीयइ ए, श्रावण वदि सुखकार । से. । रास भण्यउ सेज तणउ, नगर नागोर मकार | १६ | से. गिरुयउ गच्छ खरतर तखउ ए, श्री जिणचंद सरीस से. । प्रथम शिष्य श्री पूज्य ना ए, सकलचेद सुजगीस | २० | से. | तासु सीस जगि परगडा ए, समयसुन्दर उबकाय । से. । रास रच्यउ तिरण रुपडउ ए, सुणता आणंद थाय | २१ | से.
* बिंष, + उलखा
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सनात्र । से. । सुगात्र । १२ से. ।
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