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समयसुन्दरकृतिकुसुमाञ्जलि
कह काया जीव कंत नइ, जागता रहउ मोरा स्वाम रे ।
ध्यान धरम सुख भोगवउ, ल्यउ भगवंत रउ नाम रे । नी । ३ । धन पर रहइ सावतउ, हुसियारी भली होइ रे । समयसुन्दर कहइ जागता, छेतरी न सकइ कोई रे । नी । ४ ।
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निद्रा गीतम्
सोइ सोइ सारी रयणि गुमाई, वैरण निद्रा तु कहां से आई । सो० । निद्रा कहइ मई तर बाली रे भोली,
बड़े बड़े मुनिजन कुं नाखु रे ढोली || सो० ॥ १ ॥ निद्रा कहइ मई तउ जमकी रे दासी,
एक हाथ मूकी एक हाथ फांसी || सो० ||२॥ समयसुन्दर कहइ सुनो भाई बनिया,
डूबे सारी डूब गई दुनिया || सो० || ३ ||
पठन प्रेरणा गीतम्
राग- भयरव
भउ रे बेला भाई भउ रे भाउ,
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भण्या रे माणस नइ आदर घाउ || भ. || १ ||
१ धरम करम सगली परइ
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