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1/20 Emperor Hayasena interprets and declares the result of the dreams. तेण वि सुइणावलिहिं सुहासिउ गयमलु फलु पिययमहिं सुहासिउ।। करिणा कीलेसइँ सहसारो
सहु देवेहिँ सुरासुरसारो।। वसहेणं भासेसइ धम्म
पंचसरहो चूरेसइ धम्म।। हरिणा हरिविट्ठरि णिवसेसइ
सिरिए सरूवें सरु वि विसेसइ।। मालजुएण जगुत्तमो होसइ
ससिणा सच्चउ वयण भणेसइ।। रविणा पावंधयारु हरेसइ
जायय जुअलें हरिसु करेसइ।। णव-घड-जुवलेण सुरहिँ ण्हावेव्वउ णलिणायरेण णरहि भावेव्वउ।। जलणिहिणा गुणरयण धरेसइ
सिंहासणिण सहाइ भरेसइ।। अमरविमाणि सिवउरि राणउ
होसइ जणवय कय पवराणउ।। अहिभवणे भवियणहिणवेव्वउ
णव णाइणियहि हियए थवेव्वउ।। मणि-संदोहें मोक्खु लहेसइ
सिहिणा कम्मिंधणं डहेसइ।।
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घत्ता- जगधरण-धुरंधरु उण्णय कंधरु सिस करंग सण्णिह णयणि।
मुहपय-हय सररुहु णिरुवमु तणुरुहु तुह होसइ ससिसम वयणि।। 20।।
1/20 सम्राट् हयसेन (अश्वसेन) द्वारा स्वप्न-फल कथनउस राजा हयसेन ने भी रानी द्वारा सुखदायक स्वप्नावलि सुनकर उसका निर्दोष फल अपनी प्रियतमा को (इस प्रकार) बतलाया :
1. हाथी के देखने का फल यह है कि तुम्हारी कोख से उत्पन्न होने वाला सुखसार पुत्र, सुरों-असुरों में प्रधान देवों के साथ क्रीड़ाएँ करेगा। 2. वृषभ के देखने से वह पुत्र धर्म का कथन करेगा और कामदेव के धर्म (धनुष) को नष्ट करेगा। 3. सिंह के देखने से वह पुत्र सिंहासन पर बैठेगा। 4. श्री के देखने से वह अपने स्वरूप से कामदेव को भी अपमानित करेगा। 5. माला-युगल के देखने से वह जग में सर्वोत्तम होगा। 6. चन्द्र के देखने से वह सत्य वचन बोलेगा। 7. सूर्य के देखने से वह पाप रूपी अन्धकार को हरेगा। 8. मीन-युगल को देखने से वह सभी को हर्षित करेगा। 9. नव-घट-युगल के देखने से देवों द्वारा उसे स्नान (अभिषेक) कराया जायेगा। 10. नलिनाकर (सरोवर) देखने से मनुष्यों द्वारा भाया (चिन्तन किया) जायगा। 11. जलनिधि (समुद्र) देखने से वह गुण-रत्नों का धारक होगा। 12. सिंहासन देखने से वह सभी प्रकार के सुख भोगेगा। 13. अमर-विमान देखने से वह शिवपुर का राजा होगा और जनपदों में प्रवर आज्ञा करने वाला होगा, (अर्थात् सभी जन उसकी आज्ञा मानेंगे)। 14. अहि-भवन देखने से वह पुत्र भव्यजनों द्वारा नमस्कृत होगा और नव-नवांगिनियों (एवं नागकुमारों) द्वारा अपने हृदयों में स्थापित किया जायगा। 15. मणि-समूह देखने से वह मोक्ष प्राप्त करेगा, एवं 16. अग्नि को देखने से वह कर्मरूपी ईंधन को जलायेगा।
घत्ता- हे चन्द्रमुखि, आपके लिये जगत् की धर्म-धुरा को धारण करने वाला, उन्नत कान्धौर वाला, कुरंग के समान
नेत्रवाला, अपने मुख की प्रभा से कमल को जीतने वाला, निरुपम एवं कामदेव के समान सुन्दर पुत्र प्राप्त होगा। (20)
पासणाहचरिउ :: 23