Book Title: Pasnah Chariu
Author(s): Rajaram Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

View full book text
Previous | Next

Page 392
________________ वामंग बाँयी ओर 3 / 16 / 23 वायबे - वायुवेग 7/3/12 वायरणु व्याकरण 7/17/16 वायव्व 1 वायस कौआ 2/3/10 वायसारि - बार - वार दिन 10/20/3 वायव्व-विदिशा 6/7/3 वार - द्वार 7/3/11 - - - बार (दफे) 7/5/7 रोकना 7/3/12 हाथी 11/4/6 - वारण वारण वारस वारह - बारह 8/6/3 वारिरासि - समुद्र 1/3/6, 9/19/3 वारिहर - वारिधर (मेघ) 6/5 / 6 वारेवि वालि उलूक 3/18/9 - बारस 10/17/10 हटाकर 10/13/12 वारि-जल 8/5/9 बालुकाप्रभा नरक 12/14/7 वालुप्पह वावण्णइ - - बावन ( 52 ) 9/20/6 वावल्ल सल्लिया बावलों से बींधे हुए 4/13/1 वासइ - बैठा था 3/17/1 - वासर - सूर्य 3/16/4 वासरेस - सूर्य 4/20/6 वासारत्ति वर्षा की रात्रि 5 / 13/24 वासिउ - बासा (भोजन) 8/1/11 वासु निवास स्थल 1/21/11 वासुव - वासुदेव (कृष्ण) 4/17/9 वासुपूज्ज वासुपूज्य-तीर्थंकर 1/1/10 वाह - व्याघ्र 5/5/6 1 — वाहइ चलाना, हाँकना, वहन करना 6/17/2 वाहि - व्याधि, बीमारी 8/9/3, 10/11/2 विमाणु - विमान 8/4/17 विइण्णु - वितीर्ण, प्रदान करना, बिखरे हुए 1/18/9, 4/5/11, 11/17/6 विउणयरु - द्विगुणितकर, दुगुना, 5/13/24 विउणउ - द्विगुणित 5/11/16 विउणु - दुगुना 7/9/15 310 :: पासणाहचरिउ विउत्तु - वियुक्त रहित 1/6/5 विउलु - विपुल 1/2/13 विंजण व्यंजन 4/1/16 व्यन्तर- देव 7/15/15 - विंतर विंद विंदु - - बृन्द, समूह 8/4/5 (जल -) बिन्दु 5/3/13 विक्कम - शक्ति, पराक्रम 4/7/15 विक्किरिय विक्रिया-ऋद्धि 3/18/5, 12/17/5 विक्वाय विख्यात 8/3/15 विगयंगो - विकृत अंग 4/10/1 विगय पंकयं - विगत मल, निर्मल 5/4/2 विगय-पंकयं - विगत-मल, निर्मल 5/4/2 विमुणयरु - द्विगुणतर 5/13/24 विग्गह – विग्रह, शरीर 3/3/9 - विजयाहिहाणु - विजय नामका (देश) 12/11/5 विजयवालु – विजयपाल नामका सैनिक ( यवनराज का पराक्रमी सुभट) 4/15/7 विजया - विजया नाम की रानी (राजकुमार चक्रायुध की पट्टरानी) 12/9/10 विज्जकुमार - विद्युत्कुमारदेव 9/6/4 विज्जुदंड - विद्युत्दण्ड (विद्युत्रेखा) 5/12/14 विज्जवेउ - विद्युत्वेग (रत्नतिलक नगर का राजा) 12/6/7 विज्जाहरु विज्जण विट्ठरे - सिंहासन पर 2/2/9 विट्ठउ - विष्ठा 11/11/5 विणए - विनय 3/5/1 विणयवित्ति - विनयवृत्ति 10/17/3 विणयासुअ विणिवाइय विणिवेस विद्याधर देव 5/8/5 विजना (पंखा ) 6/16/7 - विनयासुत्त नामक गरुड़-वाण 5/10/7 विनिपात (प्राण- हानि) 5/9/6 विनिवेश करना, रखना, स्थापित करना 7/15/19 विणीसर मौनधारी 11/17/2 विण्णाविओ - विज्ञापित किया, निवेदन किया 5/4/2 विण्णत्तउ विनम्र शब्दों में निवेदन किया 6/3/5 विण्णिवि जण – दोनों ही जन 6/7/11 -

Loading...

Page Navigation
1 ... 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406