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राजाराम जैन
जन्म : 1 फरवरी 1929 को मालथौन (सागर, म.प्र.) में।
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काशी विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा गवर्नमेंट कॉलेज शहडोल (म.प्र.), प्राकृत शोध संस्थान वैशाली तथा मगध वि.वि. सेवान्तर्गत ह. दा. जैन कॉलेज आरा (बिहार) में शिक्षण कार्य। मगध यूनिवर्सिटी से प्रोफ़ेसर तथा विभागाध्यक्ष पद से
अवकाश ।
कथानक
प्रकाशन: अभी तक 34 ग्रन्थ - मौलिक एवं सम्पादित प्रमुख हैं- रहधू साहित्य का आलोचनात्मक परिशीलन, वड्ढमाणचरिउ (विबुध श्रीधर), रइधू- ग्रन्थावली भाग. 1-2, पुण्णासवकहा (रइधू), भद्रबाहु - चाणक्य - चन्द्रगुप्त (रइधू), शौरसेनी प्राकृत भाषा और उसके साहित्य का इतिहास, आरामसोहाकहा (संघतिलक गणि), भविष्यदत्त-काव्य (प्राकृत, महेश्वर सूरि), अगडदत्तचरियं (देवेन्द्र गणि), मध्यकालीन जैन सट्टक नाटक, षट्खण्डागम लेखन कथा, भारतीय ज्ञान-विज्ञान के महामेरु : आचार्य कुन्दकुन्द, राजा भोज और कालिदास, हिन्दी के मध्यकालीन लोककवि, आदि। अनेक स्मृति ग्रन्थों, अभिनन्दन ग्रन्थों तथा अन्य उच्चस्तरीय ग्रन्थों एवं पत्र-पत्रिकाओं का
सम्पादन ।
कुन्दकुन्द स्मृति पुरस्कार सहित राष्ट्रिय स्तर के अनेक पुरस्कारों से सम्मानित, राष्ट्रपति-द्विसहस्राब्दी सम्मान से अलंकृत अनेक विश्वविद्यालयों, शोध-संस्थानों तथा U.G.C., N.C.E.R.T., दिल्ली आदि की समितियों के मानद सदस्य, अ.भा. दि. जैन विद्वत्परिषद् के पूर्व राष्ट्रिय अध्यक्ष तथा Man of the Year 2004 (U.S.A.).