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पास
लक्खारस-महावर,
तरुण दिवायर-आचार्य अभयदेव के अनुसार यहां तरुण दिवाकर से उदीयमान लाल सूर्य सा लाल रंग अभिप्रेत है ।
जम्मणं जहा जम्म मेहकुमारे-मेघकुमार के जन्म का वर्णन इस प्रकार हैधारिणी के समान देवकी महारानी के दोहद की पूर्ति होने पर वह सुख-पूर्वक अपने गर्भ का न करने लगी और नौ मास साढ़े सात दिन व्यतीत होने पर उसने एक सुन्दर पुत्र रत्न को जन्म दिया । जिसका जन्म महोत्सव मेघकुमार के समान समझना चाहिए। जन्म की खुशी में१. सूचना देने वाली दासियों को दासता से मुक्त किया और उनको उपहार में विपुल धनराशि
प्रदान की। २. नगर को सुगन्धित जल से पवित्र कराया । कैदियों को बन्धन मुक्त किया और तोल माप
की वृद्धि की। ३. दस दिन के लिये सभी व्यापार कर मुक्त कर दिया और गरीबों और अनाथों को राजा ने
मुक्त हाथ से दान दिया । दस दिन तक राज्य में आनन्द महोत्सव हुआ । ४. बारहवें दिन राजा ने विपुल भोजन बनवाकर मित्र, ज्ञाति, राज्य सेवक आदि के साथ
खाते-खिलाते हुए आनन्द प्रमोद का उत्सव मनाया । फिर उनका वस्त्राभूषणादि से सत्कार-सम्मान कर माता-पिता बोले कि हमारा यह बालक गज के तालु के समान कोमल व लाल है, इसलिए इसका नाम गजसुकुमाल होना चाहिये, ऐसा कहकर पुत्र का नाम गजसुकुमाल रखा ।
(ज्ञाता सूत्र के पाठ के अनुसार)
Elucidation
Ja Sumana-(Japākusum) flowers of red colour, Adahula-flowers.
Rakta Bandhu Jivaka-Plant of noon, on it red colour flowers bloom in rainy season. Generally it is also called Virabahuti or Indragopa.
Lakkhā rasa-Mahāvara-red colour.
Taruna Diwayara-According to Ācārya Abhayadeva, here this word denotes red colour as of rising sun.
Jammanan jahā Meha Kumāre....... Description of birth of Megha Kumāra is as follows
अष्टम अध्ययन
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