Book Title: Agam 08 Ang 08 Antkrutdashang Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana, Rajkumar Jain, Purushottamsingh Sardar
Publisher: Padma Prakashan
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पारित्ता अछट्टाई करेइ, करित्ता सव्वकामगुणियं पारेइ पारित्ता अमं करेइ, करित्ता सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता छुट्ट करेइ, करित्ता सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता चउत्थं करेइ, करित्ता सव्वकामगुणियं पारेइ ।
एवं खलु सारयणावलीए तवोकम्मस्स पढमा परिवाडी, एगेणं संवच्छरेणं तिहिं मासेहिं बावीसाए य अहोरत्तेहिं अहासुतं जाव आराहिया भवइ ।
सूत्र ४ :
उपवास (चतुर्थ भक्त) किया, करके सर्वकाम गुणयुक्त (विगय सहित) पारणा किया । पारणा करके, बेला (षष्ठ भक्त) किया, फिर पारणा किया । पारणा करके तेला (अष्टम भक्त) किया, फिर पारणा किया । पारणा करके, आठ बेले किये, फिर पारणा किया । पारणा करके, उपवास किया, फिर पारणा किया । पारणा करके, बेला किया, फिर पारणा किया । पारणा करके तेला किया, फिर पारणा किया । पारणा करके, (दशम) चोला किया, फिर पारणा किया । पारणा करके ( द्वादशम) पंचोला किया, फिर पारणा किया । पारणा करके, छह दिन का उपवास ( चतुर्दश भक्त) किये, फिर पारणा किया । पारणा करके सात दिन का उपवास किया फिर पारणा किया । पारणा करके, आठ उपवास किये, फिर पारणा किया । पारणा करके, नव उपवास किये, फिर पारणा किया । पारणा करके, दश उपवास किये, पुनः पारणा किया । पारणा करके, ग्यारह उपवास किये, पुनः पारणा किया । पारणा करके, वारह उपवास किये, पुनः पारणा किया । पारणा करके, तेरह उपवास किये, पुनः पारणा किया । पारणा करके, चौदह उपवास किये, पुनः पारणा किया । पारणा करके, पन्द्रह उपवास किये, पुनः पारणा किया | पारणा करके, सोलह दिन का उपवास किया. ( चौंतीस भक्त) पुनः पारणा किया । पारणा करके चौंतीस बेले किये, फिर पारणां किया ! पारणा करके पुनः सोलह दिन का उपवास (चौंतीस भक्त) किये, पुनः पारणा किया । पारणा करके, पन्द्रह उपवास किये, फिर पारणा किया । पारणा करके चौदह उपवास किये, पारणा किया । पारणा करके
अन्तकृद्दशा सूत्र : अष्टम वर्ग
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