Book Title: Agam 08 Ang 08 Antkrutdashang Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana, Rajkumar Jain, Purushottamsingh Sardar
Publisher: Padma Prakashan
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(५) त्याग-वृत्ति श्रीकृष्ण वासुदेव की आठ अग्रमहिषियों के समान और तपाराधना राजा श्रेणिक की रानियों-जैसी।
इस प्रकार इस सूत्र में ज्ञान-दर्शन-चारित्र-तप और धर्म-पालन; दृढ़ विश्वास आदि की अनेक प्रेरणाएँ प्राप्त होती हैं।
उपसंहार
यद्यपि यह सूत्र संक्षिप्त है, छोटा है, आकार में लघु है; लेकिन सतसैया के दोहों के समान घाव गंभीर करता है, भावुक हृदय की भाव भूमि को आन्दोलित कर देता है, भोगमय जीवन को त्यागकर योग की बलवती प्रेरणा देता है। सर्वज्ञ कथित होने से इसका एक-एक शब्द महान् अर्थ से गर्भित है।
यही कारण है कि इस सूत्र का वाचन पर्युषण के आठ दिनों में किया जाता है जिससे भव्य आत्माएँ तपाराधना की ओर उन्मुख होकर अपनी आत्म-शुद्धि में प्रवृत्त होती हैं।
निष्कर्षतः यह सूत्र तपाराधना द्वारा आत्म-शुद्धि और मुक्ति-प्राप्ति का प्रबल प्रेरक है।
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अन्तकृद्दशा महिमा
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