Book Title: Agam 08 Ang 08 Antkrutdashang Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana, Rajkumar Jain, Purushottamsingh Sardar
Publisher: Padma Prakashan
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दुवालसमं करेइ, करित्ता सव्यकामगुणियं पारेइ, पारित्ता चउद्दसमं करेइ, करित्ता सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता सोलसमं करेइ, करित्ता सव्यकामगुणियं पारेइ, पारित्तापंचमी लया। एक्काए कालो छम्मासा वीसा य दिवसा । चउण्हं दो बरिसा दो मासा वीसं य दिवसा । सेसं तहेव जहा काली जाव सिद्धा ।
सूत्र १५:
फिर सात, आठ, नौ, पाँच और छह किये । यह दूसरी लता हुई । फिर नौ, पाँच, छह, सात और आठ उपवास किये | यह तीसरी लता हुई। फिर छह, सात, आठ, नौ और पाँच उपवास किये । यह चौथी लता हुई । फिर आठ, नौ, पांच, छह और सात किये । यह पांचवीं लता हुई । इस तरह पांचों लताओं की एक परिपाटी हुई । ऐसी चार परिपाटियाँ इस तप में होती हैं । एक परिपाटी में छह मास और बीस दिन लगे एवं चारों परिपाटियों में दो वर्ष, दो मास और बीस दिन लगे । रामकृष्णा आर्या भी काली आर्या के समान सभी कर्मों का क्षय करके
सिद्ध-पद को प्राप्त हुई । (देखिए चार्ट नं. १२) (आठवाँ अध्ययन समाप्त) Maxim 15 :
Then she observed seven, eight, nine, five and six days' fast. It was second branch. Then she observed nine, five, six, seven, and eight fasts. It was third branch. Then she observed six, seven, eight, nine and five fasts. It was fourth branch. Then she observed eight, nine, five, six and seven fasts.
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अन्तकृद्दशा सूत्र : अष्टम वर्ग
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