Book Title: Agam 08 Ang 08 Antkrutdashang Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana, Rajkumar Jain, Purushottamsingh Sardar
Publisher: Padma Prakashan
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सातवां वर्ग
सूत्र १:
जइ णं भंते ! सत्तमस्स वग्गस्स उक्वेवओ जाव तेरस अज्झयणा पण्णत्ता । तं जहा
नंदा तहा नंदवई,२ नंदोत्तर नंदसेणिया' चेव । मरुया सुमरुया६ महमरुया, मरुद्देवा य अट्ठमा ॥१॥ । भद्दा य सुभद्दा 0 य, सुजाया'१ सुमणाइया१२ । भूयदिण्णा य बोद्धव्या, सेणिय-भज्जाण णामाई ॥२॥
सूत्र १ :
श्री जम्बू स्वामी वोले हे भगवन् ! छठे वर्ग का भाव मैंने सुना। अव सातवें वर्ग का प्रभु ने क्या अर्थ कहा है ? आप मुझे बताने की कृपा करें । श्री सुधर्मा स्वामी सातवें वर्ग के तेरह अध्ययन कहे गये हैं, जो इस प्रकार
हैं
१. नन्दा, २. नन्दवती. ३. नन्दोत्तरा, ४. नन्दश्रेणिका, ५. मरुता. ६. सुमरुता, ७. महामरुता, ८. मरुद्देवा, ९. भद्रा, १0. सुभद्रा, ११, सुजाता, १२, सुमनायिका, १३. भूतदत्ता । ये सब राजा श्रेणिक की रानियां थीं ।
| SEVENTH SECTION
Maxim 1 :
Jambu Swāmī said-Bhagawan ! I have heard attentively the subject matter of sixth section. What has Bhagawāna said in Seventh Section; Kindly tell me.
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अन्तकृद्दशा सूत्र : सप्तम वर्ग
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