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नश्याध्यायः
पृष्ठ संख्या १६७ १६७
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श्लोक संख्या ५२८-५३३ ५२८-५३३ ५२८-५३३ ५२८-५३३ ५२८-५३३ ५२८-५३३ ५२८-५३३ ५२८-५३३ ५२८-५३३
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चान्त कम्पित विलीन आन्दोलित स्तम्भित उच्छ्वास
निःश्वास १८. सूत्कृत १९. सीत्कृत दस प्रकार के अधरों का अभिनय
अपर के भेद विवर्तित और उसका विनियोग विसृष्टि और उसका विनियोग कम्पित और उसका विनियोग विनिगृहित और उसका विनियोग सन्दष्टक और उसका विनियोग समुद्गक और उसका विनियोग उदवृत्त और उसका विनियोग विकासी और उसका विनियोग
रेचित और उसका विनियोग १०.
आयत और उसका विनियोग छह प्राकर का जिह्वा अभिनय
जिह्वा के भेद ऋज्वी और उसका विनियोग लोला और उसका विनियोग लेहिनी और उसका विनियोग वक्रा और उसका विनियोग सुक्कानुगा और उसका विनियोग उन्नता और उसका विनियोग
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५३७ ५३८ .५३९ ५४० ५४१
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