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श्री जैन दिवाकर स्मृति-ग्रन्थ
एक पारस-पुरुष का गरिमामय जीवन : ७०:
में व्याख्यान करवाया, जिससे उनकी महिलाएं भी लाम ले सकें। बहुत बड़ी संख्या में मुसलमान भाई व्याख्यान में सम्मिलित हुए । कइयों ने त्याग लिए । काजी ने आपकी बहुत प्रशंसा की।
वहाँ से कई स्थानों पर विचरते हए आपश्री पिपल गांव पधारे। वहाँ एक भाई के पास सैकड़ों ही बकरे थे। उसने कसाई को बकरे न बेचने की प्रतिज्ञा ली।
सतारा में आपके प्रवचनों से प्रभावित होकर अनेक लोगों ने दुर्व्यसनों का त्याग किया । वकील एवं अग्रगण्य लोगों ने सार्वजनिक प्रवचन करवाए । कई शिक्षित लोगों ने मांस-मदिरा का त्याग किया। ईनामदार साहब ने आजीवन मांसाहार छोड़ा और भाऊराव पाटिल ने आजीवन कटुभाषण न करने की प्रतिज्ञा ली।
आपका प्रवचन एक दिन हो रहा था। उसी समय एक व्यक्ति एक पिंजड़े में ५०-६० चूहे लेकर जा रहा था। पूछने पर मालूम हुआ कि वह इन चूहों को मारने ले जा रहा है । समझाबुझाकर लोगों ने उन चूहों को अभयदान दिलवाया।
भाऊराव पाटिल ने आपका प्रवचन सर्वजातीय बोडिंग में कराया। सदुपदेश सुनकर विद्यार्थियों ने मांस-मदिरा का जीवन-भर के लिए त्याग किया।
पूना में आपने फर्ग्युसन कालेज में प्राकृत विद्यार्थियों के लिए रायपसेणीय सूत्र के रहस्य पर प्रवचन दिया। प्राध्यापकों को कहना पड़ा कि 'आपने एक घंटे में जितना विशद विवेचन किया है, उतना हम भी नहीं कर सकते।'
चिंचवड़ में आपके प्रभावशाली प्रवचन से प्रभावित होकर एक मुसलमान भाई ने अपना प्रेम प्रदर्शित किया--'यदि ये पुण्यशाली महात्मा यहाँ चातुर्मास करें तो मैं सारा खर्च सहन करने को तैयार हूं।'
___चिंचवड़ से आप कांदावाड़ी पधारे । वहाँ तपस्वी श्री मयाचन्द जी महाराज २१ दिन की तथा तपस्वी श्री विजयराजजी महाराज ने १३ दिन की तपस्याएँ की । पूर्णाहुति के दिन १६ गायों को अभयदान दिया गया। सतारा, जालना, बम्बई संघ ने चातुर्मास की विनती की । कांदावाडी में महावीर जयन्ती बहुत धूमधाम से मनाई गई। अनेक जीवों को अभयदान मिला। बालिकाओं के संवाद हुए।
बम्बई-कांदावाड़ी से कोट, चिंचपोकली, दादर, शान्ताकु ज, विलेपार्ले आदि उपनगरों में आप पधारे। इन सभी उपनगरों में आपके कई व्याख्यान हए । विलेपार्ले संघ ने गांधी चौक में आपका सार्वजनिक प्रवचन रखा. जिसमें जैन-अजैन भाइयों ने बहुत बड़ी संख्या में उपस्थित होकर वाणी का लाभ लिया। आपके प्रवचनों की बम्बई नगर में धूम मच गई। घाटकोपर में आपने 'आत्मोन्नति' पर सार्वजनिक प्रवचन दिया। जैन-जैनेतर सभी भाइयों ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर आपकी अमृतवाणी का लाभ लिया। जैन प्रकाश में दरिद्रता का नग्न नृत्य' नामक अपील छपी थी। जिसमें गरीबों की सहायता के लिए आह्वान था। उस सन्दर्भ में गरीब भाइयों के लिए इस व्याख्यान में अच्छी राशि में चन्दा एकत्र हुआ।
चिंचपोकली के स्थानक में कच्छी बीसा ओसवाल स्थानकवासी जैन पाठशाला के विद्याथियों को आपश्री ने 'सत्य की महिमा' पर उपदेश फरमाया। आप पनवेल पधारे । वहाँ २२ दिन धर्मोद्योत करके पुनः आषाढ़ सुदी १ को चातुर्मास हेतु आप बम्बई (कांदावाड़ी) में पधारे । जनता ने बड़े उत्साहपूर्वक स्वागत किया। बम्बई श्रीसंघ ने स्थानक के पास ही खुले मैदान में सभामंडप
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