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:१६७ : ऐतिहासिक दस्तावेज
श्री जैन दिवाकर-स्मृति-ग्रन्थ ।
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॥श्री ॥ श्री चारभुजाजी ॥
॥ श्री करनीजी ॥ मोहर छाप नकल नम्बर ३४
सं० १९६६ सीरियारी (मारवाड़)
स्वरूप श्री ठाकुरा राजश्री नाथूसिंहजी कुंवरजी श्री खंगारसिंह ..
mmmi जी लिखावता जैन स्वामीजी श्री चौथमलजी रो आगमन सीरियारी में हुवो तिणमुं कर अगता राखणा मंजूर किना पजषणा में बैठता पजषणा ने छमछरी जुमले दिन २ दोय तो पजषणा में व स्वामीजी श्री चौथमलजी रो आगमन सीरियारी में होसी उण दिन ने वापिस विहार होसी उण दिन अगता राखिया जावसी । अगता अठे रेवे जिण माफिक राखिया जावेला । फक्त ता० १३ जून सन् १९४० मुताबिक मिति ज्येष्ठ मदि ६ संवत् १९६६ ।
द० गुमानसिंह कामदार ठिकाना सीरियारी
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॥ श्री॥
श्रीचारभुजाजी [ठिकाना श्री बगड़ी टीकायत, जोधपुर स्टेट] __ मोहर छाप
स्वारूप श्री ठाकुर साहेब श्री भैरुसिंहजी साहेब श्री ठि० बगड़ी (मारवाड़):
सज्जनसिंहजी साहेब वचनायत जैन स्वामीजी श्री १०५ श्री चौथ
. मलजी महाराज का आगमन जोधपुर में सं० १६६७ के चातुर्मास में हआ और मैंने भी व्याख्यान व धर्मोपदेश सुना जिससे खुश होकर नीचे मुजब प्रतिज्ञा की है।
(१) श्रावण मास में किसी जानवर की शिकार नहीं करूंगा और मेरे पट्टे के गांवों में इस माह में कोई शिकार नहीं कर सकेगा।
(२) पौष विदि १० को श्री पार्श्वनाथ भगवान का जन्म दिवस होने से हमारे पद के गाँवों में कोई जीव हिंसा नहीं होगी।
(३) चैत्र सुदि १३ को श्री महावीर भगवान का जन्म दिवस होने से हमारे पट्टे के गांवों में कोई जीव हिंसा नहीं होगी।
(४) भादवा सुदि १४ अनन्त चतुर्दशी का अगता पाला जावेगा।
(५) श्री पूज्य स्वामीजी श्री चौथमलजी महाराज का पट्टे के गांवों में आगमन और विहार होगा तब आगमन और विहार के दो अगते पाले जावेंगे।
(६) पजसनों में मेरे पटे के गांवों में शिकार वगैरह व घाणी वगैरह चलाना बिलकल बन्द रहेगा व कसाई अपना पेशा नहीं करेंगे।
उपरोक्त प्रतिज्ञा का सदैव के लिये पालन किया जावेगा।' संवत १९६७ रा पौष विदि २ ता. १६ दिसम्बर सन १९४०
(सही) भैरूसिंह ठाकुर साहब
१ नोट-उपरोक्त बातें मेरे पट्टे के गांव चौकड़ी में पाली जायगी क्योंकि मैं वहीं रहता हूँ।
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