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श्री जैन दिवाकर-स्मृति-ग्रन्थ
जीवदया और सदाचार के अमर साक्ष्य : १६६ :
॥श्री एकलिंगजी ॥
॥ श्री रामजी॥ नम्बर ३४
___ सिद्ध श्री राज श्री प्रतापसिंहजी ठीकाना जलोदा मेवाड़ वचनातु जैन सम्प्रदाय के जैन दिवाकर प्रसिद्धवक्ता पण्डित मुनि श्री चौथमलजी महाराज का फाल्गुन सुदि १ सं० १९६६ दितवार तदनुसार ता० १० मार्च सन् १९४० ईस्वी को ठिकाने जलोदा में जीवदयादि अनेक विषयों पर व्याख्यान हुआ। जिसका प्रभाव मेरे पर तथा मेरी जनता पर अच्छा पड़ा। मुझको श्री मुनिराज महाराज का उपदेश बहुत प्रिय लगा और व्याख्यान से प्रभावित होकर प्रतिज्ञा करता हूँ कि
(१) इन श्री मुनि महाराज के आगमन तथा प्रस्थान के दिन जलोदे में अगता रखाया जावेगा।
(२) श्राद्ध पक्ष में, पर्युषणों में व हर माह की ग्यारस, अमावस बीज, वारस, चारों सोमवार को अगता रखाया जायगा ।
(३) भंवर बापु मानसिंह के जन्म गांठ पर बकरा अमर्या होगा एक साल का।
(४) चैत्र सुदि १३ जो श्री महावीर स्वामीजी का जन्मदिवस है और पौष विदि १० जो श्री पार्श्वनाथजी भगवान का जन्म दिवस है सो इन दोनों माह की तिथि की याददास्ती ओसवाल जैन आकर ठिकाने में दिलाता रहेगा तो अगता पाला जावेगा।
ऊपर लिखे मुजब अगता की पाबन्दी रखावांगा सं० १६६६ का मिति फागन सुदि ३ मंगलवार ।
(द०) मंगलसिंह कामदार ठिकाना जलोदा श्री रा० हु० से
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॥श्री परमेश्वरजी सहाय छ ।। : मोहर छाप
ठाकुर सा राज श्री १०५ श्री मैरुसिंहजी ठिकाणा खेजड़ला परखेजडला(मारवाडी गना बिलाड़ा (मारवाड़) मारा खास ठिकाणा में व पटारा गाँवों में F............. चैत्र सदि १३ व पोष विदि १० ने जीव हिंसारो अगतो रहसी। श्री १०५ श्री चौथमलजी महाराजरो उपदेश सुणियो जिणस में सावण, भादवा में शिकार करसं नहीं ने पटारा गांव में भी जीव हिंसा होवण देसा नहीं ने महाराजरो पधार नो ठिकाणा में तथा पद्रारा गाँव में होसी उण दिन जीव हिंसा होसी नहीं। सम्वत् १९६७ रा काति सद ४ रविवार ता०३-११-४० ।
दस्तकत-मुथा करणराजरा छे श्री ठाकुर साहेब के हुक्म सु
(Sd.) Bhairu Singh, 3-11-40
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॥ श्री परमेश्वरजी सहाय छे ॥ . मोहर छाप
ठाकूर सा राज श्री १०४ श्री कारसिंहजी ठिकाणा साथीण परसाथीण (मारवाड़):
गणा बिलाड़ा (मारवाड़) मारे खास ठिकाणा साथीण व पट्टे के गाँव mammi........ में चैत्र सुदि १३ व पौष विदि १० ने जीव हिंसा होसी नहीं अगता रहसी। श्री श्री १०५ श्री चौथमलजी महाराजरो उपदेश सुण्या जिणसु श्रावण, भाद्रवा में शिकार करसं नहीं ने महाराज रो पधारनो ठिकाना में तथा पदारा गाँवों में होसी उणदिन जीव हिंसा होसी नहीं । सम्वत् १६६७ रा काती सुद ४ रविवार ता० ३-११-४० ।
दस्तकत-मुथा करणराजरा छे। श्री ठाकुर साहेब के हक्म स । (Sd.) Kalu Singh 3-11-40
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