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गाथा परम विजय की
जम्बूकुमार ने यह जान लिया मेरा भाग्य भी प्रबल था और पूर्वजन्म भी अच्छा रहा। अब मुझे क्या करना चाहिए? मैंने कर्मबंध के रहस्य को भी समझ लिया। मेरा जीवन सफल कैसे बने? जीवन का विकास कैसे हो? मुझे इस बारे में चिंतन करना है।
एक अन्तद्वंद्व चल रहा है, विचारों का मंथन हो रहा है। बिना मंथन के कोई नई चीज नहीं निकलती। पौराणिक कथा में कहा जाता है-समुद्र का मंथन किया तो रत्न निकले। दही का मंथन करें तो नवनीत निकलता है। मंथन के बिना नवनीत नहीं मिलता।
जम्बूकुमार के दिमाग में एक मंथन चल रहा है, आलोडन-विलोडन हो रहा है, एक प्रकार का बिलोना हो रहा है।
माता-पिता सोच रहे हैं हमारा पुत्र इतना शक्तिशाली है, हमें यह पता ही नहीं था। हमने यह कल्पना ही नहीं की थी कि उसमें इतना असीम बल है। पूरे मगध में, राजगृह में जम्बूकुमार प्रख्यात हो गया है। अब जम्बूकुमार के लिए हमें सोचना चाहिए। अब तक हमने अपना कर्तव्य नहीं निभाया। माता-पिता का पहला कर्तव्य होता है-पुत्र को पढ़ाना। वह कार्य तो हमने कर लिया।
आजकल माता-पिता पुत्र-पुत्रियों की पढ़ाई के बारे में जितना सोचते हैं, पहले कभी नहीं सोचते थे। पुराने जमाने में कन्या को पढ़ाने का प्रश्न ही नहीं था। पुत्रों को भी कम पढ़ाते थे इसीलिए संस्कृत कवियों को लिखना पड़ा
माता शत्रु पिता वैरी, याभ्यां बालो न पाठितः।
न शोभते सभामध्ये, हंसमध्ये बको यथा।। वह माता शत्रु है और पिता वैरी है, जिन्होंने अपने पुत्र को नहीं पढ़ाया। क्योंकि अनपढ़ आदमी सभा में जाता है, बीस-तीस लोगों के बीच बैठता है तो शोभित नहीं होता। जैसे हंसों के बीच बगुला शोभित नहीं होता वैसे ही अनपढ़ व्यक्ति सभ्यजनों में शोभित नहीं होता।
माता-पिता ने सोचा-हमने जम्बूकुमार को पढ़ाया, संस्कारी बनाया। एक कर्तव्य पूरा हो गया। हमारा दूसरा कर्तव्य है-परिणय, विवाह करें, इसको स्वावलंबी बनाएं। माता-पिता इस चिंता में हैं कि जम्बूकुमार का विवाह कहां करें? और कैसे करें? एक ओर जम्बूकुमार के मस्तिष्क में परम विजय का संकल्प पल रहा है। दूसरी ओर माता-पिता के मस्तिष्क में विवाह की बात चल रही है।
तीसरी ओर जम्बूकुमार की ख्याति से अभिभूत अनेक परिवारों ने नए सपने संजोने शुरू कर दिए। सैकड़ों-सैकड़ों परिवारों में एक चर्चा शुरू हो गई। एक धनाढ्य ने सोचा-पुत्री बड़ी हो गई, विवाह करना है। वर की खोज में थे। अब जम्बूकुमार से बढ़िया वर कौन मिले? इतना शक्तिशाली और इतना महिमामय कुमार है, सब दृष्टियों से अच्छा है। हम प्रयत्न करें कि जम्बूकुमार के साथ शादी हो जाये। चारों ओर से निमंत्रण आने लग गए। आजकल कोई मैनेजमेंट का कोर्स करता है, कोई इंजीनियरिंग करता है, जैसे ही रिजल्ट आते हैं, पता चलता है कि प्रथम आया है तो बड़ी-बड़ी कम्पनियों के ऑफर आने लग जाते हैं। अध्ययन पूरा होने से पहले जॉब मिल जाता है।