Book Title: Gatha Param Vijay Ki
Author(s): Mahapragya Acharya
Publisher: Jain Vishvabharati Vidyalay

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Page 322
________________ 'प्रभव! यह किसने कहा कि घर नहीं छोड़ेगा, साधु नहीं बनूंगा।' ___ 'कुमार! आप कह रहे हैं कि ऋण चुकाए बिना नहीं जाऊंगा और ऋण चुकाना है तो आपको मातापिता की सेवा में रहना होगा।' 'प्रभव! कोई पुत्र मुनि बनता है और वह माता-पिता को धर्म की दिशा में अधिक प्रेरित करता है तो वह वास्तव में अपना ऋण चुकाता है। दूसरा कोई वैसा ऋण नहीं चुका सकता। माता-पिता अधिक हिंसा में जाते हैं, अधिक लोभ में जाते हैं और पुत्र चाहे सेवा करता है तो वह ऋण नहीं चुका पाता।' पुराने जमाने में यह स्थिति थी-पिता हुक्का पीता। पुत्र सेवा में रहता। पिता कहता-बेटा हुक्का भरकर लाओ, चिलम लाओ, तम्बाकू लाओ, शराब लाओ। वह लाकर दे देता। जो इस प्रकार सेवा करता है क्या वह ऋण चुकाता है? वह पुत्र जो पिता को इस ओर प्रेरित करे–'पिताजी! हुक्का पीना हानिकारक है। चिलम पीना, शराब पीना ठीक नहीं है।' पिता को इन गलत आदतों से मुक्त करता है, उसका तो ऋण उतरता है अन्यथा ऋण कैसे उतरेगा? कुछ ऐसे लोग सहायक होते हैं जो मनुष्य को अच्छे रास्ते पर ले आते हैं। एक मालिक को एक समझदार नौकर की जरूरत थी। खोजते-खोजते एक नौकर मिला। उसने कहा-मैं चाकरी करने को तैयार हूं। मालिक बोला-'तुम रह जाओ पर मेरी एक शर्त है कि मैं एक काम कहूं और तुम पांच काम साथ में करो। मैं उस नौकर को चाहता हूं जिसे एक काम का कहा जाए और पांच काम कर दे। मैं वैसा नौकर नहीं चाहता जिसमें अक्ल न हो, जो काम पूरा न करे।' नौकर ने कहा-'मालिक! जैसी आपकी आज्ञा होगी, जैसा आप कहेंगे वैसा करूंगा। एक के साथ पांच नहीं, दस काम कर दूंगा।' मालिक ने उसे रख लिया। मालिक को शराब पीने की आदत थी। दूसरे दिन सुबह नौकर से बोला-'जाओ, शराब की बोतल लाओ।' 'जो आज्ञा।' यह कह कर नौकर चला गया। घंटा भर बाद वापस आया, बोतल टेबल पर रख दी और कहा-'मालिक! लो यह शराब की बोतल। मालिक ने देखा-'दरवाजे के बाहर कोई खड़ा है। पूछा-बाहर कौन है?' 'मालिक! वैद्यजी हैं।' 'क्यों आए हैं वैद्यजी?' 'मालिक! आप शराब पीएंगे तो बीमार हो जाएंगे। वैद्य की जरूरत पड़ेगी इसलिए साथ में वैद्यजी को ने आया हूं।' 'ये शीशियां क्यों लाए हो?' 'यह दवाई है। आप बीमार होंगे तो दवाई आपको लेनी पड़ेगी।' थोड़ी देर में नौकर एक कपड़े का थान ले आया। मालिक ने पूछा-'यह क्या है?' गाथा परम विजय की

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