________________
१५७५
युग्म अध्ययन २१. सोलस महाजुम्मा तेसिं लक्खणाणि य परूवणं
प. कइणं भंते ! महाजुम्मा' पण्णत्ता? उ. गोयमा ! सोलस महाजुम्मा पण्णत्ता,तं जहा
१. कडजुम्मकडजुम्मे, २. कडजुम्मतेओए, ३. कडजुम्मदावरजुम्मे, ४. कडजुम्मकलियोए, ५. तेओयकडजुम्मे, ६. तेओयतेओए, ७. तेओयदावरजुम्मे, ८. तेओयकलियोए, ९. दावरजुम्मकडजुम्मे, १०. दावरजुम्मतेओए, ११. दावरजुम्मदावरजुम्मे, १२. दावरजुम्मकलियोए, १३. कलिओयकडजुम्मे, १४. कलिओयतेओए,
१५. कलिओयदावरजुम्मे, १६. कलिओयकलिओए। प. से केणट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ
"सोलस महाजुम्मा पण्णत्ता",तं जहा
१. कडजुम्मकडजुम्मे जाव १६. कलियोयकलियोए? उ. गोयमा ! १. जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं
अवहीरमाणे चउपज्जवसिए, जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया कडजुम्मा, से तं कडजुम्मकडजुम्मे।
२. जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे तिपज्जवसिए, जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया कडजुम्मा, से तं कडजुम्मतेओये। ३. जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे दुपज्जवसिए, जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया . कडजुम्मा,सेतं कडजुम्मदावरजुम्मे। ४. जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे एगपज्जवसिए, जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया कडजुम्मा, से तं कडजुम्म कलियोए। ५. जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे चउपज्जवसिए, जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया तेओया, से तं तेओयकडजुम्मे। ६. जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे तिपज्जवसिए, जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया तेओया,से तं तेओयतेयोए। ७. जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे दुपज्जवसिए, जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया तेओया, से तं तेओयदावरजुम्मे।। ८. जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे एगपज्जवसिए, जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया तेओया,सेतं तेओयकलियोए। ९. जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे चउपज्जवसिए, जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया दावरजुम्मा, से तं दावरजुम्म कडजुम्मे। १०. जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे तिपज्जवसिए, जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया
दावरजुम्मा, से तं दावरजुम्मतेओए। १. बड़ी संख्या वाली राशि को "महायुग्म" कहते हैं।
२१. सोलह महायुग्म और उनके लक्षणों का प्ररूपण
प्र. भंते ! महायुग्म कितने कहे गए हैं? उ. गौतम ! महायुग्म सोलह कहे गए हैं, यथा
१. कृतयुग्मकृतयुग्म, . २. कृतयुग्मत्र्योज, ३. कृतयुग्मद्वापरयुग्म, . ४. कृतयुग्मकल्योज, ५. त्र्योजकृतयुग्म, ६. योजत्र्योज, ७. योजद्वापरयुग्म, ८. त्र्योजकल्योज, ९. द्वापरयुग्मकृतयुग्म, १०. द्वापरयुग्मत्र्योज, ११. द्वापरयुग्मद्वापरयुग्म, १२. द्वापरयुग्मकल्योज, १३. कल्योजकृतयुग्म, . १४. कल्योजत्र्योज,
१५. कल्योजद्वापरयुग्म, १६. कल्योजकल्योज। प्र. भंते ! किस कारण से ऐसा कहा जाता है कि
'महायुग्म सोलह हैं', यथा
१. कृतयुग्मकृतयुग्म यावत् १६. कल्योजकल्योज? उ. गौतम ! १. चार की संख्या से अपहार करते हुए जिस राशि
में से चार शेष रहें किन्तु उस राशि के अपहारसमय भी कृतयुग्म (चार) हों तो वह राशि ‘कृतयुग्मकृतयुग्म' कहलाती है। २. चार की संख्या से अपहार करते हुए जिस राशि में से तीन शेष रहें किन्तु उस राशि के अपहारसमय कृतयुग्म हों तो वह राशि 'कृतयुग्मत्र्योज' कहलाती है। ३. चार की संख्या से अपहार करते हुए जिस राशि में से दो शेष रहें किन्तु उस राशि के अपहारसमय कृतयुग्म हों तो वह राशि ‘कृतयुग्म द्वापरयुग्म' कहलाती है। ४. चार की संख्या से अपहार करते हुए जिस राशि में से एक शेष रहे किन्तु उस राशि के अपहारसमय कृतयुग्म हों तो वह राशि ‘कृतयुग्मकल्योज' कहलाती है। ५. चार की संख्या से अपहार करते हुए जिस राशि में से चार शेष रहें किन्तु उस राशि के अपहारसमय त्र्योज (तीन) हों तो वह राशि 'त्र्योजकृतयुग्म' कहलाती है। ६. चार की संख्या से अपहार करते हुए जिस राशि में से तीन शेष रहें किन्तु उस राशि के अपहार समय त्र्योज (तीन) हों तो वह राशि 'त्र्योजत्र्योज' कहलाती है। .. ७. चार की संख्या से अपहार करते हुए जिस राशि में से दो शेष रहें किन्तु उस राशि के अपहारसमय त्र्योज हों तो वह राशि 'त्र्योजद्वापरयुग्म' कहलाती है। ८. चार की संख्या से अपहार करते हुए जिस राशि में से एक शेष रहें और उस राशि के अपहारसमय त्र्योज (तीन) हों तो वह राशि 'त्र्योज कल्योज' कहलाती है। ९. चार की संख्या से अपहार करते हुए जिस राशि में से चार शेष रहें किन्तु उस राशि के अपहारसमय द्वापरयुग्म (दो) हों तो वह राशि द्वापरयुग्मकृतयुग्म' कहलाती है। १०. चार की संख्या से अपहार करते हुए जिस राशि में से तीन शेष रहें किन्तु उस राशि के अपहार समय द्वापरयुग्म (दो) हों तो वह राशि 'द्वापरयुग्मत्र्योज' कहलाती हैं।
जाए