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३७-४0. सिय हालिद्दए य सुक्किल्लए य, एत्थ वि चत्तारि भंगा, एवं एए दस दुयासंजोगा भंगा पुण चत्तालीसं, जइ तिवन्ने१. सिय कालए य नीलए य लोहियए य, २. सिय कालए य नीलए य लोहियगा य,
३. सिय कालए य नीलगा य लोहियए य,
४. सिय कालगा य नीलए य लोहियए य,
एए चत्तारि भंगा, ५-८.एवं काल-नील-हालिद्दएहिं भंगा ४, ९-१२.काल-नील-सुक्किल्लएहिं भंगा ४, १३-१६. काल-लोहिय-हालिद्दएहिं भंगा ४, १७-२०.काल-लोहिय-सुक्किल्लएहिं भंगा ४, २१-२४. काल-हालिद्द-सुक्किल्लएहिं भंगा ४, २५-२८.नील-लोहिए-हालिद्दगाणं भंगा ४, २९-३२.नील-लोहिय-सुक्किल्लगाणं भंगा ४, ३३-३६.नील-हालिद्द-सुक्किल्लगाणं भंगा ४, ३७-४०.लोहिय-हालिद्द-सुक्किल्लगाणं भंगा ४, एवं एए दसतियगसंजोगा, एक्केक्के संजोए चत्तारि भंगा, सव्वे ते चत्तालीसं भंगा ४०, जइ चउवन्ने१. सिय कालए य,नीलए य,लोहियए य, हालिद्दए य, २. सिय कालए य,नीलए य, लोहियए य, सुक्किल्लए य, ३. सिय कालए य, नीलए य, हालिद्दए य, सुक्किल्लए य, ४. सिय कालए य,लोहियए य,हालिद्दए य, सुक्किल्लए य, ५. सिय नीलए य,लोहियए य,हालिद्दए य, सुक्किल्लए य, एवमेए चउक्कसंजोए पंच भंगा, एए सव्वे नउइभंगा।
द्रव्यानुयोग-(३) ३७-४०. कदाचित् पीला और श्वेत होता है यहां भी पूर्ववत् चार भंग कहने चाहिए। इस प्रकार दस द्विकसंयोगी के चालीस भंग होते हैं। यदि तीन वर्ण वाला हो तो१. कदाचित् काला, नीला और लाल होता है। २. कदाचित् एक अंश काला, एक अंश नीला और अनेक अंश लाल होते हैं, ३. कदाचित् एक अंश काला, अनेक अंश नीले और एक अंश लाल होता है। ४. कदाचित् अनेक अंश काले, एक अंश नीला और एक अंश लाल होता है। इस प्रकार प्रथम त्रिकसंयोगी के चार भंग होते हैं। ५-८. इसी प्रकार काले, नीले और पीले वर्ण के चार भंग, ९-१२. काले, नीले और श्वेत वर्ण के चार भंग, १३-१६. काले, लाल और पीले वर्ण के चार भंग, १७-२०. काले, लाल और श्वेत वर्ण के चार भंग, २१-२४. काले, पीले और श्वेत वर्ण के चार भंग, २५-२८. नीले, लाल और पीले वर्ण के चार भंग, २९-३२. नीले, लाल और श्वेत वर्ण के चार भंग, ३३-३६. नीले, पीले और श्वेत वर्ण के चार भंग, ३७-४०. लाल, पीले और श्वेत वर्ण के चार भंग होते हैं। इस प्रकार ये त्रिकसंयोगी के दस भंग होते हैं। जो प्रत्येक के साथ संयोग करने पर चार भंग वाले होते हैं ये सब मिलकर ४0 भंग हुए। यदि चार वर्ण वाला हो तो१. कदाचित् काला, नीला, लाल और पीला होता है, २. कदाचित् काला, नीला, लाल और श्वेत होता है, ३. कदाचित् काला, नीला, पीला और श्वेत होता है, ४. कदाचित् काला, लाल, पीला और श्वेत होता है, ५. कदाचित् नीला, लाल, पीला और श्वेत होता है। इस प्रकार चतुःसंयोगी के कुल पाँच भंग होते हैं। (इस प्रकार चतुःप्रदेशी स्कन्ध के एक वर्ण के असंयोगी ५, दो वर्ण के द्विकसंयोगी ४०, तीन वर्ण के त्रिकसंयोगी ४० और चार वर्ण के चतुःसंयोगी ५ भंग हुए।) कुल मिलाकर वर्ण सम्बन्धी नब्बे (९०) भंग हुए। यदि एक गन्ध वाला हो तो१. कदाचित् सुरभिगन्ध वाला होता है और कदाचित् दुरभिगन्ध वाला होता है। यदि दो गन्ध वाला हो तो १. कदाचित् सुरभिगन्ध और २. कदाचित् दुरभिगन्ध वाला होता है, जिस प्रकार वर्ण सम्बन्धी ९० भंग कहे हैं उसी प्रकार रस सम्बन्धी ९० भंग कहने चाहिए।
जइ एगगंधे१. सिय सुब्भिगंधे,
२. सिय दुब्भिगंधे,
जइ दुगंधे
१. सिय सुब्भिगंधे य, २. सिय दुडिभगंधे या रसा जहा-वन्ना,
१. एक गंध के दो और दो गंध के चार इस प्रकार कल छ: भंग होते हैं।