________________
१८०४
उ. गोयमा ! अट्ठविहा पण्णत्ता,तं जहा
१. पिसायदेवपंचिंदियपओगपरिणया जाव
८. गंधव्वदेवपंचिंदियपओगपरिणया। प. जोइसियदेवपंचिंदियपओगपरिणयाणं भंते ! पोग्गला
कइविहा पण्णत्ता? उ. गोयमा ! पंचविहा पण्णत्ता,तं जहा
१. चंदविमाणजोइसियदेवपंचिंदियपओगपरिणया जाव५. ताराविमाणजोइसियदेवपंचिंदियपओगपरिणया।
प. वेमाणियदेवपंचिंदियपओगपरिणयाणं भंते ! पोग्गला
कइविहा पण्णत्ता? उ. गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता,तं जहा
१. कप्पोवगवेमाणियदेवपंचिंदियपओगपरिणया य,
२. कप्पाईयगवेमाणियदेवपंचिंदियपओगपरिणया य। प. कप्पोवगवेमाणियदेवपंचिंदियपओगपरिणया णं भंते !
पोग्गला कइविहा पण्णत्ता? उ. गोयमा ! दुवालसविहा पण्णत्ता,तं जहा
१. सोहम्मकप्पोवगवेमाणियदेवपंचिंदियपओगपरिणया जाव१२.अच्चुयकप्पोवगवेमाणियदेवपंचिंदियपओग
परिणया। प. कप्पाईयगवेमाणियदेवपंचिंदियपओगपरिणया णं भंते !
पोग्गला कइविहा पण्णत्ता? उ. गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता,तं जहा
१. गेयेज्जगकप्पातीयवेमाणियदेवपंचिंदियपओगपरिणया य, २. अणुत्तरोववाइयकप्पाईयवेमाणियदेवपंचिंदियपओगपरिणया य, प. गेवेज्जगकप्पाईयगवेमाणिय देवपंचिंदियपओगपरिणया ____णं भंते ! पोग्गला कइविहा पण्णत्ता? उ. गोयमा ! नवविहा पण्णत्ता,तं जहा
१. हेट्ठिमहेट्ठिमगेवेज्जगकप्पातीयगवेमाणिय देवपंचिंदियपओगपरिणया जाव९. उवरिमउवरिमगेवेज्जगकप्पातीयगवेमाणिय
देवपंचिंदियपओगपरिणया य। प. अणुत्तरोववाइयकप्पाईयगवेमाणियदेवपंचिंदियपओ
गपरिणया णं भंते ! पोग्गला कइविहा पण्णता? उ. गोयमा ! पंचविहा पण्णत्ता,तं जहा
१. विजय-अणुत्तरोववाइयकप्पाईयग वेमाणियदेव पंचिंदिय-पओगपरिणया जाव
( द्रव्यानुयोग-(३) ] उ. गौतम ! आठ प्रकार के कहे गए हैं, यथा
१. पिशाच वाणव्यन्तर देव पंचेन्द्रिय प्रयोग परिणत पुद्गल यावत्
२. गन्धर्व वाणव्यन्तर देव पंचेन्द्रिय प्रयोग परिणत पुद्गल। प्र. भंते ! ज्योतिष्क देव पंचेन्द्रिय प्रयोग परिणत पुद्गल कितने
प्रकार के कहे गए हैं? उ. गौतम ! पाँच प्रकार के कहे गए हैं, यथा
१. चन्द्र विमान ज्योतिष्क देव पंचेन्द्रिय प्रयोग परिणत पुद्गल यावत्५. तारा विमान ज्योतिष्क देव पंचेन्द्रिय प्रयोग परिणत
पुद्गल। प्र. भंते ! वैमानिक देव पंचेन्द्रिय प्रयोग परिणत पुद्गल किंतने
प्रकार के कहे गये हैं ? उ. गौतम ! दो प्रकार के कहे गए हैं, यथा
१. कल्पोपपन्न वैमानिक देव पंचेन्द्रिय प्रयोग परिणत पुद्गल,
२. कल्पातीत वैमानिक देव पंचेन्द्रिय प्रयोग परिणत पुद्गल। प्र. भंते ! कल्पोपपन्न वैमानिक देव पंचेन्द्रिय प्रयोग परिणत
पुद्गल कितने प्रकार के कहे गए हैं ? उ. गौतम ! बारह प्रकार के कहे गए हैं, यथा
१. सौधर्म कल्पोपपन्नक वैमानिक देव पंचेन्द्रिय प्रयोग परिणत पुद्गल यावत्१२.अच्युतकल्पोपपन्नक वैमानिक देव पंचेन्द्रिय प्रयोग परिणत पुद्गल। प्र. भंते ! कल्पातीत वैमानिक देव पंचेन्द्रिय प्रयोग परिणत पुद्गल
कितने प्रकार के कहे गए हैं? उ. गौतम ! दो प्रकार के कहे गये हैं, यथा
१. ग्रैवेयक कल्पातीत वैमानिक देव पंचेन्द्रिय प्रयोग परिणत पुद्गल, २. अनुत्तरोपपातिक कल्पातीत वैमानिक देव पंचेन्द्रिय
प्रयोग परिणत पुद्गल। प्र. भंते ! ग्रैवेयक कल्पातीत वैमानिक देव पंचेन्द्रिय प्रयोग
परिणत पुद्गल कितने प्रकार के कहे गए हैं ? उ. गौतम ! नौ प्रकार के कहे गए हैं, यथा
१. अधस्तन अधस्तन ग्रैवेयक कल्पातीत वैमानिक देव पंचेन्द्रिय प्रयोग परिणत पुद्गल यावत्९. उपरितन उपरितन ग्रैवेयक कल्पातीत वैमानिक देव पंचेन्द्रिय प्रयोग परिणत पुद्गल। प्र. भंते ! अनुत्तरोपपातिक कल्पातीत वैमानिक देव पंचेन्द्रिय
प्रयोग परिणत पुद्गल कितने प्रकार के कहे गये हैं? उ. गौतम ! पाँच प्रकार के कहे गये हैं, यथा
१. विजय अनुत्तरोपपातिक कल्पातीत वैमानिक देव पंचेन्द्रिय प्रयोग परिणत पुद्गल यावत्