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६. असमोहया असंखेज्जगुणा । एवं जाव थणियकुमारा ।
प. दं. १२-१६. एएसि णं भंते ! पुढविक्काइयाणं १. वेयणासमुग्धाएणं,
२. कसायसमुग्धाएणं, ३. मारणांतियसमुग्धाएणं, समोहयाणं,
४. असमोहयाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहियावा ?
उ. गोयमा ! १. सव्वत्थोवा पुढविकाइया मारणांतियसमुग्धाएणं समोहया,
२. कसायसमुग्घाएणं समोहया संखेज्जगुणा,
३. वेयणासमुग्घाएणं समोहया विसेसाहिया,
४. असमोहया असंखेज्जगुणा ।
एवं जाव वणस्सइकाइया ।
णवरं सव्वत्थोवा वाउक्काइया वेउव्वियसमुग्धाएणं समोहया,
२. मारणांतियसमुग्धाएणं समोहया असंखेज्जगुणा,
३. कसायसमुग्धाएणं समोहया संखेज्जगुणा,
४. वेयणासमुग्धाएणं समोहया विसेसाहिया,
५. असमोहया असंखेज्जगुणा ।
प. दं. १७-१९. बेइंदियाणं भंते !
१. वेयणासमुग्धाएणं, २. कसायसमुग्धाएणं, ३. मारणांतियसमुग्धाएणं, समोहयाणं,
४. असमोहयाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा ?
उ. गोयमा ! १. सव्वत्थोवा बेइंदिया मारणांतियसमुग्धाएणं समोहया,
२. वेयणासमुग्घाएणं समोहया असंखेज्जगुणा,
३. कसायसमुग्धाएणं समोहया संखेज्जगुणा,
४. असमोहया संखेज्जगुणा । एवं जाव चउरिंदिया |
प. दं. २०. पंचेंदिय-तिरिक्खजोणियाणं भंते ! १. वेयणासमुग्धाएणं,
२. कसायसमुग्घाएणं,
३. मारणांतियसमुग्घाएणं, ४. वेउव्वियसमुग्धाएणं, ५. तेजस्समुग्घाएणं, समोहयाणं,
६. असमोहयाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा ?
द्रव्यानुयोग– (३)
६. (उनसे) असमवहत असुरकुमार असंख्यातगुणे हैं।
इसी प्रकार नागकुमार से स्तनितकुमार पर्यन्त अल्पबहुत्व जानना चाहिए।
प्र. १२-१६. भंते ! इन
१. वेदनासमुद्घात से,
२. कषायसमुद्घात से, ३. मारणान्तिकसमुद्घात से समवहत तथा
४. असमवहत पृथ्वीकायिकों में कौन किससे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ?
उ. गौतम ! १. सबसे अल्प मारणान्तिकसमुद्घात से समवहत पृथ्वीकायिक हैं,
२. ( उनसे) कषायसमुद्घात से समवहत पृथ्वीकायिक संख्यातगुणे हैं,
३. ( उनसे) वेदनासमुद्घात से समवहत पृथ्वीकायिक विशेषाधिक हैं,
४. ( उनसे) असमवहत पृथ्वीकायिक असंख्यातगुणे हैं। इसी प्रकार वनस्पतिकायिक पर्यन्त अल्पबहुत्व जानना चाहिए।
विशेष - १. ( वायुकायिक जीवों में) सबसे अल्प वैक्रियसमुद्घात से समवहत वायुकायिक हैं,
२. ( उनसे) मारणान्तिक समुद्घात से समवहत वायुकायिक असंख्यातगुणे हैं,
३. ( उनसे ) कषाय समुद्घात से समवहत वायुकायिक संख्यातगुणे हैं,
४. ( उनसे ) वेदनासमुद्घात से समवहत वायुकायिक विशेषाधिक हैं,
५. ( उनसे) असमवहत वायुकायिक जीव असंख्यातगुणे हैं। प्र. दं. १७-१९. भंते ! इन
१. वेदनासमुद्घात से, २. कषायसमुद्घात से, ३. मारणान्तिक समुद्घात से समवहत और
४. असमवहत द्वीन्द्रिय जीवों में कौन किससे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ?
उ. गौतम ! १. सबसे अल्प मारणान्तिक समुद्घात से समवहत न्द्रिय जीव हैं।
२. ( उनसे ) वेदनासमुद्घात से समवहत द्वीन्द्रिय जीव असंख्यातगुणे हैं,
३. ( उनसे ) कषायसमुद्घात से समवहत द्वीन्द्रिय जीव संख्यातगुणे हैं,
४. ( उनसे ) असमवहत द्वीन्द्रिय जीव संख्यातगुणे हैं। इसी प्रकार चतुरिन्द्रिय पर्यन्त अल्पबहुत्व जानना चाहिए। प्र. दं. २०. भंते ! इन
१. वेदना समुद्घात से, २. कषाय समुद्घात से, ३. मारणान्तिक समुद्घात से, ४. वैक्रियसमुद्घात से, ५. तैजस्समुद्घात से समवहत और
६. असमवहत पंचेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिकों में कौन किससे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ?