________________
- १७१५)
चरमाचरम अध्ययन
चरिमाइं, अचरिमाई,
चरिमंतपएसा, अचरिमंतपएसा? उ. गोयमा ! परिमंडले णं संठाणे असंखेज्जपएसिए
संखेज्जपएसोगाढे नो चरिमे, नो अचरिमे, एवं जहा संखेज्जपएसिए,
एवं जाव आयए, प. परिमंडले .णं भंते ! संठाणे अणंतपएसिए
संखेज्जपएसोगाढे किं
चरिमे जाव अचरिमंतपएसा? उ. गोयमा ! परिमंडले णं संठाणे अणंतपएसिए
संखेज्जपएसोगाढे जहा संखेज्जपएसिए,
एवं जाव आयए, अणंतपएसिए असंखेज्जपएसोगाढे जहा संखेज्जपएसोगाढे।
एवं जाव आयए। -पण्ण.प.१०,सु.७९७-८०१ ७. परिमंडलाइसंठाणाणं दव्वट्ठयाइ पडुच्च चरिमाचरिमत्तस्स
अप्पबहुत्तंप. परिमंडलस्स णं भंते ! संठाणस्स संखेज्जपएसियस्स.
संखेज्जपएसोगाढस्स,अचरिमस्स य, चरिमाण य, चरिमंतपएसाण य, अचरिमंतपएसाण य दव्वठ्ठयाए, पएसट्टयाए, दव्वठ्ठपएसट्ठयाए कयरे
कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा ! दव्वट्ठयाए१. सव्वत्थोवे परिमंडलस्स संठाणस्स संखेज्ज
पएसियस्स संखेज्जपएसोगाढस्स दव्वठ्ठयाए एगे
अचरिमे, २. चरिमाइं संखेज्जगुणाई, ३. अचरिमं चरिमाणि य दो वि विसेसाहियाई,
(बहुवचन से) चरम हैं या अचरम हैं,
चरमान्तप्रदेश हैं या अचरमान्तप्रदेश हैं ? उ. गौतम ! असंख्यातप्रदेशी एवं संख्यातप्रदेशावगाढ परिमण्डल
संस्थान के लिए संख्यातप्रदेशी स्कन्ध के समान चरम नहीं है, अचरम नहीं है इत्यादि समझना चाहिए।
इसी प्रकार आयतसंस्थान पर्यन्त कहना चाहिए। प्र. भंते ! अनन्तप्रदेशी और संख्यातप्रदेशों में अवागढ
परिमण्डलसंस्थान क्या
चरम है यावत् अचरमान्त प्रदेश है? उ. गौतम ! अनन्तप्रदेशी और संख्यातप्रदेशावगाढ परिमण्डल
संस्थान के सम्बन्ध में संख्यातप्रदेशावगाढ के समान समझना चाहिए। इसी प्रकार आयतसंस्थान पर्यन्त कहना चाहिए। अनन्तप्रदेशी असंख्यातप्रदेशावगाढ (परिमण्डल संस्थान का) कथन संख्यातप्रदेशी के समान कहना चाहिए।
इसी प्रकार आयतसंस्थान पर्यन्त कहना चाहिए। ७. परिमंडलादि संस्थानों का द्रव्यादि की अपेक्षा घरमाचरमत्व
आदि का अल्पबहुत्वप्र. भन्ते ! संख्यातप्रदेशी संख्यातप्रदेशावगाढ परिमण्डलसंस्थान
के (एक वचन से) अचरम, (बहुवचन से) चरम, चरमान्तप्रदेश और अचरमान्त प्रदेश में से द्रव्य की अपेक्षा, प्रदेशों की अपेक्षा और द्रव्यप्रदेशों की अपेक्षा
से कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक है? उ. गौतम ! द्रव्य की अपेक्षा१. संख्यातप्रदेशी एवं संख्यातप्रदेशावगाढ परिमण्डल
संस्थान का (एक वचन वाला) अचरम सबसे थोड़ा है,
पएसट्टयाए५. सव्वत्थोवा परिमंडलस्स संठाणस्स संखेज्ज
पएसियस्स संखेज्जपएसोगाढस्स चरिमंतपएसा, २. अचरिमंतपएसा संखेज्जगुणा, ३. चरिमंतपएसा य अचरिमंतपएसा य दो वि
विसेसाहिया, दव्वट्ठपएसट्टयाए१. सव्वत्थोवे परिमंडलस्ससंठाणस्स संखेज्जपएसियस्स
संखेज्जपएसोगाढस्स दव्वट्ठयाए एगे अचरिमे, २. चरिमाइं संखेज्जगुणाई, ३. अचरिमं च चरिमाणि य दो विसेसाहियाई,
२. (उनसे) (बहुवचन वाला) चरम संख्यातगुणा है, ३. (उनसे) (एक वचन वाला) अचरम और (बहुवचन
वाला) चरम वे दोनों विशेषाधिक हैं। प्रदेशों की अपेक्षा१. संख्यातप्रदेशी संख्यातप्रदेशावगाड परिमण्डलसंस्थान के
चरमान्तप्रदेश सबसे कम हैं, २. (उनसे) अचरमान्तप्रदेश संख्यातगुणे हैं, ३. (उनसे) चरमान्तप्रदेश और अचरमान्तप्रदेश ये दोनों
विशेषाधिक हैं। द्रव्य और प्रदेशों की अपेक्षा१. संख्यातप्रदेशी संख्यातप्रदेशावगाढ परिमण्डलसंस्थान का
एक वचन वाला अचरम सबसे अल्प है, २. (उनसे) (बहुवचन वाला) चरम संख्यातगुणा है। ३. (उनसे) (एकवचन वाला) अचरम और (बहुवचन
वाला) चरम ये दोनों विशेषाधिक हैं, ४. (उनसे) चरमान्त प्रदेश संख्यातगुणे हैं, ५. (उनसे) अचरमान्त प्रदेश संख्यातगुणे हैं,
४. चरिमंतपएसा संखेज्जगुणा, ५. अचरिमंतपएसा संखेज्जगुणा,