________________
१७३८
५.जे रसओ महुररसपरिणयाते वण्णओ-१.कालवण्णपरिणया वि, २. नीलवण्णपरिणया वि, ३. लोहियवण्णपरिणया वि, ४. हालिद्दवण्णपरिणया वि, ५. सुक्किलवण्णपरिणया वि। गंधओ-१.सुमिगंधपरिणया वि, २. दुब्भिगंधपरिणया वि। फासओ-१.कक्खडफासपरिणया वि, २. मउयफासपरिणया वि, ३. गरुयफासपरिणया वि, ४. लहुयफासपरिणया वि, ५. सीयफासपरिणया वि, ६. उसिणफासपरिणया वि, ७. निद्धफासपरिणया वि, ८. लुक्खफासपरिणया वि। संठाणओ-१.परिमंडलसंठाणपरिणया वि, २. वट्टसंठाणपरिणया वि, ३. तंससंठाणपरिणया वि, ४. चउरंससंठाणपरिणया वि, .
५. आयतसंठाणपरिणया वि। -पण्ण. प.१, सु.११ (१-५) ८. फास परिणयाणं एक्कसय चउरासीइ भेया
१.जे फासओ कक्खडफासपरिणयाते वण्णओ-१.कालवण्णपरिणया वि, २. नीलवण्णपरिणया वि, ३. लोहियवण्णपरिणया वि, ४. हालिरण्णपरिणया वि, ५. सुक्किलवण्णपरिणया वि। गंधओ-१.सुब्भिगंधपरिणया वि, २. दुब्भिगंधपरिणया वि। रसओ-१.तित्तरसपरिणया वि, २. कडुयरसपरिणया वि, ३. कसायरसपरिणया वि, ४. अंबिलरसपरिणया वि, ५. महुररसपरिणया वि। फासओ-१.गरुयफासपरिणया वि, २. लहुयफासपरिणया वि, ३. सीयफासपरिणया वि, ४. उसिणफासपरिणया वि, ५. निद्धफासपरिणया वि,
६. लुक्खफासपरिणया वि। - १. रसओ महुरए जे उ,अइए से उवण्णओ।
गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओ विय॥ -उत्त.अ.३६,गा.३३
द्रव्यानुयोग-(३) ५.जो रस से मधुररस-परिणत हैंवे वर्ण से- १. कृष्णवर्ण-परिणत भी हैं, २. नीलवर्ण-परिणत भी हैं, ३. रक्तवर्ण-परिणत भी हैं, ४. पीतवर्ण-परिणत भी हैं, ५. शुक्लवर्ण-परिणत भी हैं। वे गन्ध से-१. सुगन्ध-परिणत भी हैं, २. दुर्गन्ध-परिणत भी हैं। वे स्पर्श से- १. कर्कशस्पर्श-परिणत भी हैं। २. मृदुस्पर्श-परिणत भी हैं, ३. गुरुस्पर्श-परिणत भी हैं, ४. लघुस्पर्श-परिणत भी हैं, ५. शीतस्पर्श-परिणत भी हैं, ६. उष्णस्पर्श-परिणत भी हैं, ७. स्निग्धस्पर्श-परिणत भी हैं, ८. रूक्षस्पर्श-परिणत भी हैं। वे संस्थान से-१. परिमण्डलसंस्थान-परिणत भी हैं, २. वृत्तसंस्थान-परिणत भी हैं, ३. त्र्यनसंस्थान-परिणत भी हैं, ४. चतुरनसंस्थान-परिणत भी हैं, .
५. आयतसंस्थान-परिणत भी हैं। ८.स्पर्श परिणतादि एक सौ चौरासी भेद
१. जो स्पर्श से कर्कशस्पर्श-परिणत हैं, वे वर्ण से-१. कृष्णवर्ण-परिणत भी हैं, २. नीलवर्ण-परिणत भी हैं, ३. रक्तवर्ण-परिणत भी हैं, ४. पीतवर्ण-परिणत भी हैं, ५. शुक्लवर्ण-परिणत भी हैं। वे गन्ध से- १. सुगन्ध-परिणत भी हैं, २. दुर्गन्ध-परिणत भी हैं। वे रस से-१. तिक्तरस-परिणत भी हैं, २. कटुरस-परिणत भी हैं, ३. कषायरस-परिणत भी हैं, ४. अम्लरस-परिणत भी हैं, ५. मधुररस-परिणत भी हैं। वे स्पर्श से- १. गुरुस्पर्श-परिणत भी हैं, २. लघुस्पर्श-परिणत भी हैं, ३. शीतस्पर्श-परिणत भी हैं, ४. उष्णस्पर्श-परिणत भी हैं, ५. स्निग्धस्पर्श-परिणत भी हैं, ६. रूक्षस्पर्श-परिणत भी हैं।