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चरमाचरम अध्ययन
२५. उदाहु चरिमाई च अचरिमाई च अवत्तव्वए य,
२६. उदाहु चरिमाई च अचरिमाइं च अवत्तव्वयाइं च ? पंचमा चउभंगी,
एवं एए छब्बीस भंगा,
उ. गोयमा ! परमाणुपोग्गले१. नो चरिमे
२. नो अचरिमे
०
३. नियमा अवत्तव्यए ४-२६ सेसा २३. भंगा पडिसेहेचव्या ।
प. दुपएसिए णं भंते! खंधे किं
१. चरिमे जाव २६. उदाहु चरिमाइं च अचरिमाई च अवत्तव्यवाई ?
उ. गोयमा ! दुपएसिए खंधे
१. सिय चरिमे
O
३. सिय अवत्तव्यए
००
४-२६ सेसा २३. भंगा पहिसेहेयया ।
प. तिपएसिए णं भंते! सांधे किं
१. चरिमे जाव २६. उदाहु चरिमाई च अचरिमाई च अवतव्ययाई ?
उ. गोयमा तिपएसिए खंधे
१. सिय चरिमे,
२. नो अचरिमे,
३. सिय अयत्तव्यए
४. नो चरिमाई,
५. नो अचरिमाई,
६. नो अवत्तव्ययाई,
७. नो चरिमे य अचरिमेय,
८. नो चरिमे य अचरिमाई च,
९. सिय चरिमाई च अचरिमे य
१०. नो चरिमाई च अचरिमाई च ११. सिय चरिमे य अवत्तव्यए य.
०००
००
१. सिय चरिमे
२. नोअचरिमे,
३. सिय अवत्तव्यए, ४. नो चरिमाई,
२. नो अचरिमे,
१२-२६. सेसा १५ भंगा पडिसेहेयव्या
उ. गोयमा ! चउपएसिए णं खंधे
प. चउपएसिए णं भंते खंधे किं
१. चरिमे जाव २६. उदाहु चरिमाइं च अचरिमाई च अवत्तव्वयाइं च ?
००००
०००
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२५. अथवा (बहुवचन से) चरम और अचरम तथा (एकवचन से) अवक्तव्य है?
२६. अथवा (बहुवचन से) चरम, अचरम और अवक्तव्य हैं ? यह पाँचवीं चतुभंगी है।
इस प्रकार ये छब्बीस भंग हुए।
उ. गौतम | परमाणुपुद्गल (उपर्युक्त छब्बीस भंगों में)
( एकवचन से ) १. चरम नहीं २. अचरम नहीं ( किन्तु ) नियमतः ३. अवक्तव्य है।
४-२६ शेष तेईस भंगों का भी निषेध करना चाहिए।
प्र. भंते! द्विप्रदेशिक स्कन्ध क्या
(एकवचन से) १. चरम है यावत् २६. अथवा (बहुवचन से) चरम, अचरम और अवक्तव्य हैं ?
उ. गौतम ! द्विप्रदेशिक स्कन्ध
१. कथंचित् चरम है, ३. कथचित् अवक्तव्य है।
२. अचरम नहीं है,
४-२६. शेष तेईस भंगों का भी निषेध करना चाहिए।
प्र. भंते! त्रिप्रदेशिक स्कन्ध क्या
(एकवचन से) १. चरम है यावत् २६. अथवा (बहुवचन से)
चरम, अचरम और अवक्तव्य हैं ?
उ. गौतम ! त्रिप्रदेशिक स्कन्ध
१. कचित् चरम है,
२. अचरम नहीं है,
३. कथंचित् अवक्तव्य है,
४. (बहुवचन से) चरम नहीं है,
५. (बहुवचन से) अचरम नहीं है,
६. (बहुवचन से ) अवक्तव्य नहीं है,
७. (एकवचन) चरम और अचरम नहीं है,
८. ( एकवचन से ) चरम नहीं है और ( बहुवचन से ) अचरम है,
९. कथंचित् (बहुवचन से) चरम और ( एकवचन से ) अचरम है,
१०. वह (बहुवचन से) चरम और अचरम नहीं है,
११. कथंचित् (एकवचन ) चरम और अवक्तव्य है।
१२-२६. शेष पन्द्रह भंगों का निषेध करना चाहिए।
प्र. भंते ! चतुष्प्रदेशिक स्कन्ध क्या
(एकवचन से) १. चरम है यावत् २६ अथवा (बहुवचन से) चरम, अचरम और अवक्तव्य है ?
उ. गौतम ! चतुष्प्रदेशिक स्कन्ध
१. कथंचित् (एकवचन से) चरम है,
२. अचरम नहीं है,
३. कथंचित् अवक्तव्य है।
४. (बहुवचन से) चरम नहीं है।