Book Title: Panchsangraha Part 06
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
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३१
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१६४-१६५
१६५ १६५-१६७
१६६ १६७-१६८
१६८ १६८-१७०
१६६
१७०-१७१
१७१
गाथा ७३
कषायोदय में रसबंध के अध्यवसायों की वृद्धि की
परंपरोपनिधा की अपेक्षा विचारणा गाथा ७४
उक्त कथन का शुभ-अशुभ प्रकृतियों में घटाना ব্যাগ ও
स्थितिबंधस्थानों में अनुभागबंधस्थानों की
अनन्तरोपनिधा की अपेक्षा विचारणा गाथा ७६
पूर्वोक्त की परंपरोपनिधा की अपेक्षा विचारणा गाथा ७७
चारों आयु के स्थितिस्थानों में रसबंधाध्यवसायों
की विचारणा गाथा ७८
अनुकृष्टि प्रारम्भ होने का स्थान गाया ७६
अनुकृष्टि विचार का नियम सूत्र गाथा ८०
अपरावर्तमान शुभ प्रकृतिवर्ग गाथा ८१
परावर्तमान शुभ प्रकृति वर्ग गाथा ८२
परावर्तमान अशुभ प्रकृति वर्ग गाथा ८३-८४-८५
अशुभ अपरावर्तमान प्रकृतियों की अनुकृष्टि गाथा ८६ ___ अपरावर्तमान शुभ प्रकृतियों की अनुकृष्टि
१७१-१७२
१७१ १७२-१७३
१७२
१७३---१७४
१७३ १७४ १७४ १७५
१७५ १७५-१७६
१७५ १७६-१८१
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