Book Title: Panchsangraha Part 06
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
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बंधनकरण - प्ररूपणा अधिकार : गाथा १०३, १०४
१.
२.
३.
४.
८.
पर्याप्त अपर्याप्त संज्ञी का सात कर्म संबंधी अल्प- बहुत्व
ε.
जघन्य अबाधा
अबाधास्थान
कंडक स्थान उत्कृष्ट अबाधा
निषेक द्विगुण हानि के स्थान
७. अबाधास्थान कंडकस्थान 1
द्विगुण हानि के एक अंतर के स्थान
जघन्य स्थितिबंध
सर्वस्थितिस्थान
१०. उत्कृष्ट स्थितिबंध
अल्प
असंख्यातगुण
परस्पर तुल्य विशेषाधिक
असंख्यातगुण
असंख्यातगुण
असंख्यातगुण
संख्यातगुण
विशेषाधिक
१. टिप्पण को पढ़कर स्वयं विचार कर लेना चाहिये ।
२१६
अन्तर्मुहूर्त जघन्य अबाधारहित उत्कृष्ट अबाधा के
समय प्रमाण
जघन्य अबाधारूप
अंतर्मुहूर्त के समय से अधिक तीन हजार आदि वर्ष के समय
प्रमाण
पत्य के प्रथम वर्गमूल के असंख्यातवें
भाग के समय प्रमाण
पल्यो. के असंख्याते वर्गमूल के समय प्रमाण
अंत: कोडाकोडी सांगरोप प्रमाण (श्रेणी
बिना के जीव की
अपेक्षा)
जघन्य स्थितिबंध न्यून उत्कृष्ट स्थिति
बंध के समय प्रमाण अपने-अपने संपूर्ण
उत्कृष्ट स्थितिबंध
प्रमाण