________________
२८०
पंचसंग्रह : ६
वर्गणा, २१ सूक्ष्म निगोद वर्गणा, २२ ध्रुवशून्य वर्गणा और २३ महा
स्कन्ध वर्गणा ।
आहार वर्गणा से औदारिक, वैक्रिय और आहारक शरीर इन तीन वर्गणाओं को ग्रहण किया गया है ।
जीव द्वारा ग्रहणयोग्य आठ वर्गणाएँ समान रूप से सभी कार्मग्रन्थिक आचार्यों ने मानी हैं । जिनके नाम इस प्रकार हैं
औदारिक शरीर वर्गणा, वैक्रिय शरीर वर्गणा, आहारक शरीर वर्गणा, तेजस् वर्गणा, भाषा वर्गणा, श्वासोच्छ्वास वर्गणा, मनोवर्गणा, कार्मण वर्गणा ।
00