Book Title: Panchsangraha Part 06
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur

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Page 390
________________ तिर्यंचद्विक और नीचगोत्र की तीव्रता-मन्दता : परिशिष्ट २४ ३४३ ७२ का ज. अनुभाग अनंतगुण उससे-६३ का उत्कृष्ट अनुभाग अनंतगुण उससे ७३ ७४ ७५ MIGMcK W W०० MMG orrurururu9929999990s mro Xr90Mr mrd or ४० our mro W० is sw अवशिष्ट कण्डक प्रमाण स्थिति .. १. सप्तम नरक में वर्तमान नारक के सर्वजघन्य स्थितिस्थान के जघन्यपद में अनुभाग सर्वस्तोक है। जिसे प्रारूप में ११ के अंक से बतलाया है। २. द्वितीयादि निवर्तन कण्डक तक के स्थान में जघन्य अनुभाग क्रमशः

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