Book Title: Panchsangraha Part 06 Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan JodhpurPage 388
________________ ३४१ का उत्कृष्ट अनुभाग अनन्तगुण उससे WWW तिर्यचद्विक और नीचगोत्र की तीव्रता मन्दता : परिशिष्ट २४ | ३२ का ज. अनु. अनं. CE Yo X W ് ് ് ് . Wor mrdx w US R CCCXXXC S → अनुभागबन्ध सागरोपम शतपृथक्त्व प्रमाण (परावर्तमान जघ. अनु. बंध प्रायोग्य) निवर्तन कंडक का -- -- -Page Navigation
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