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पंचसंग्रह : ६
६. २० का अंक उत्कृष्ट स्थिति व उत्कृष्ट अनुभाग का सूचक है ।
१३ के अंक का जघन्य
१०. ०. इस प्रकार की रेखा - परस्पर आक्रान्त - प्ररूपणादर्शक है । जिसका आशय यह है कि १२ के अंक के जघन्य अनुभाग से अंक ६ का उत्कृष्ट अनुभाग अनन्तगुण, ε के अंक के उत्कृष्ट अनुभाग से अनुभाग अनन्तगुण, १३ के अंक के जघन्य अनुभाग से ११ के अंक का उत्कृष्ट अनुभाग अनन्तगुण है । इसी प्रकार के क्रम से जघन्य, उत्कृष्ट अनुभाग की अनन्तगुणता परस्पर आक्रान्त प्ररूपणा से करना चाहिये ।