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पंचसंग्रह : ६
(आ) 'तानि अन्यानि च'-इससे आगे (१८ सागरोपम से नीचे सागरोपम शतपृथक्त्व तक) अभव्यप्रायोग्य जघन्य स्थितिस्थान तक 'तानि अन्यानि च' के क्रम से जानना, जिसे प्रारूप में २४ से १४ तक के अंकों द्वारा बतलाया है।
(इ) 'तदेकदेश और अन्य'-इससे नीचे पल्योपम के असंख्यातवें भाग स्थितिस्थानों में 'तदेकदेथ और अन्य' इस क्रम से अनुकृष्टि होती है। जिसे प्रारूप में अंक १३ से ८ तक के अंक द्वारा बतलाया है ।