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पंचसंग्रह : ६
-सातवां आठवां
११५० ११३० ----- - - १२०००
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आत्म-प्रदेश
चतुर्थ योगस्थान में स्पर्धक 'प्रथम द्वितीय तृतीय चतुर्थ पांचवाँ
१८६० १७०० १५४० १३८० १२२० ११५० ११३० १०७० ९५०
छठा
सातवां आठवां नौवां
१२०००
विशेष-कर्म प्रकृति बंधनकरण गाथा ६ से 8 तक के आधार से यह स्पष्टीकरण किया गया है।