Book Title: Panchsangraha Part 06
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur

Previous | Next

Page 300
________________ २५३ १०६/२२५ ७६/१६८ १८/६० गाथा अकाराद्यनुक्रम : परिशिष्ट २ ठिइठाणे ठिइठाणे ७१/१६१ पल्लासंखसमाओ ठिइठाणे टिइठाणे १०५/२२५ पलियासंखियमेत्ता ठिइदीहाए कमसो १०७/२२८ पंचरस पंचवन्नेहिं ठिइबंधट्ठाणाइ १०४/२१८ पंचण्ह सरीराण ठिइबन्धु दलस्सठिई ४०/६६ फासण कालप्पबहू तत्तो असंखगुणूणा २२/६५ मूलुत्तर पगईणं तत्तो अणंतगुणणाए ६६/१६८ मोत्तुमसंखंभागं तत्तो पढमठिईए ६३/१६४ मोत्तण नीयमियरा तत्तो विसेस अहियं ६६/१५७ वग्गे-वग्गे अणुकड्ढी तदुवरिमाआइयासु ८५/१७६ वढंति व हायंति तसजुत्तठाणविवरेसु ६३/१५० सप्पडिवक्खाणं पुण ताओ फड्डगमगं ७/१७ सव्वजहन्न ठिईए तिण्हंपि फड्डगाणं ३८/९६ सव्वजहन्नस्सरसा थोवाओ वग्गणाओ २४/७३ सव्वजियाणंतगुणे थोवा जहन्नबाहा १०१/२१३ सव्वजियाणंतगुणण थोवाणुभागठाणा ७२/१६३ सव्व त्थोवा ठाणा थोवाणु भागठाणा ७५/१६७ सव्वप्परसे गेण्हइ दुगचउरट्ठतिसमइग ६८/१५७ सव्वप्प वीरिएहिं दव्वेहि वग्गणाओ ४७/१२० सव्वासिं वुड्ढीणं देस दुग विरय चउरो १००/२०० सव्वुक्कोसरसो जो दोआई जाव आवलि ६४/१५१ सायं थिराइ उच्चं धुवपगई बंधता १०६/२३२ सिद्धाणतंसेणं नमिऊण सुयहराणं १/४ सुहमणि पविसंता पडिवक्ख जहन्नयरो ६०/१८८ सुहमेयरायाणं पढम हाणीए एवं २३/६६ सेढिअसंखियभाग पढमाउ अणंतेहिं ३१/८४ सेढी असंखभागिय पन्नाए अविभागं ५/१३ संजय बादर सुहुमग परघाय बंधणतणु ८०/१७३ होइ कसाइवि पढम परिणाम पच्चएणं ५५/१३५ होइ पओगो जोगो पल्लासंखियमूला १११/२३७ होंतिपरंपर वुड्ढीए ७०/१५६ ४१/१०१ ८३/१७५ ८९/१८१ ७६/१७२ १०/२६ ८७/१८६ ७७/१७० १०८/२३१ ४८/१२० २७/७७ ५६/१४३ ४६/११८ ५२/१२८ ४२/११० ८१/१७४ १७/५८ ५७/१४० १२/३२ ९/२४ ८/१६ ६६/२१० ३६/१२ ६०/१४४

Loading...

Page Navigation
1 ... 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394