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पंचसंग्रह :: ६
वीर्य
सलेश्य
अलेश्य
क्षायोपशमिक (छद्मस्थ)
। क्षायिक (अयोगी केवली तया क्षायिक सिद्ध) (अछद्मस्थ) (सयोगी केवली)
अभिसंधिज
अनभिसंधिज
अकषायी
सकषायी
अभिसंधिज अनभिसंधिज अभिसंधिज अनभिसंधिज
चौदहवें गुणस्थान के अन्तिम समय में और सिद्धों का अकारण वीर्य होता है।