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नीतिशास्त्र और विज्ञान
विज्ञान का अर्थ - किसी भी विशिष्ट विषय को सुसम्बद्ध बौद्धिक प्रणाली द्वारा समझना, उसके बारे में व्यवस्थित ज्ञान प्राप्त करना, विज्ञान का काम है । निर्णयों को विवेक की कसौटी पर कसकर एक सुसंगठित विचार - प्रणाली में बद्ध करना, सामान्यत:, समस्त विज्ञानों का ध्येय है। अधिकतर सामान्य निर्णयों में असंगति और विरोध रहता है । विज्ञान इस विरोध और असंगति को दूर करके एक विशिष्ट विचार पद्धति देता है । उसका सम्बन्ध अधिकतर अनुभवों की अभिन्न रूपता एवं समानता से रहता है । वह वस्तुविशेष का ज्ञान देता है और बताता है कि बाह्य - जगत की घटनाएँ कैसे घटित होती हैं; वस्तुनों का अस्तित्व कैसे सम्भव है । उसके वस्तु विषय कुछ अनिवार्य सत्य हैं । वह वस्तुनों तथा घटनाओं के कार्य-कारण-सम्बन्ध को समझने का प्रयास करता है और उसके आधार पर सामान्य नियमों का प्रतिपादन करता है । कार्य-कारण के नियमों को समझकर अथवा वस्तुनों के परस्पर अनिवार्य सम्बन्ध को समझने के पश्चात् वह नये परिणामों का निगमन करता है । विज्ञान की पूर्णता इसी पर निर्भर है कि वह ज्ञात कारणों के नियमों के आधार पर विशेष परिणामों के बारे में निश्चयपूर्वक कह सके ।
विज्ञान : दो वर्ग - वैज्ञानिक विषयों को दो श्रेणियों या वर्गों में विभाजित किया जा सकता है । एक ओर वे विषय हैं जो वर्णनात्मक या प्राकृतिक विज्ञान (Descriptive or Natural Science) के अन्तर्गत आते हैं और दूसरी ओर वे विषय, जो आदर्श विधायक या नियामक विज्ञान ( Normative or Regulative Science) के अन्तर्गत आते हैं। दोनों प्रकार के विज्ञान व्यवस्थित ज्ञान प्राप्त ३२ / नीतिशास्त्र
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