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१. १ : ४१-४४ ]
श्रीवरकृत
तस्करोपद्रवे
राज्ञा नीत्यैव शमिते
सुखम् ।
गृहेष्ववाटवीष्वन्तः पथिकाः शेरते स्म हि ॥ ४१ ॥
४१. राजा द्वारा नीति से ही, तस्कर उपद्रव शान्त कर दिये जाने पर, पथिक गृह के समान न में भी सुखपूर्वक शयन करते थे ।
सत्ताप्रकृतिमध्यस्थो स्वतन्त्र वृत्ति पालो
नित्य सर्वाङ्गवर्धनः । रेमेनानापुरेषु सः ॥ ४२ ॥
४२. सत्ता प्रकृति के मध्यस्थ नित्य संर्वागवर्धन स्वतन्त्र-वृत्ति भूपाल अनेक पुरों में आनन्द करने लगा ।
मंदेहानहितानिवार्य च भजन्
पूर्वाचलाग्रोदयं
यो नित्यं कमलाकरेषु रसिको बिभ्रत्प्रतापोच्चयम् ।
सङ्कोचं कुमुदाशयेषु रचयन्
पद्माकरोत्पूजितः ।
शस्यः कस्य न दत्तलोक महिमा भास्वान् यशस्वी विभुः ।। ४३ ।।
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४३. अहित मन्देहों' को निवारित कर, पूर्वाञ्चल पर उदित होता, कमलाकरों के प्रति रसिक, तेज धारणा करता हुआ, कुमुदाकरों में सकोच करता, पद्माकरों से पूजित, लोकमहत्वप्रद, यशस्वी एवं विभु भास्वान् किसके लिये प्रशंसनीय नहीं है ?
धात्रेयाष्ठकुरा विस्फूर्तिहारिणोऽस्यासन् गजा इव
४४. धात्रीपुत्र ठक्कुर' वैभव श्री मद से उद्धत होकर, निरकुश गज सदृश, इस राजा के सुख-शान्ति - विनाशक हुए ।
राज्ञो विभव श्रीमदोद्धताः ।
पाद-टिप्पणी
४३. (१) सन्देह : यह एक राक्षस वर्ग है । इनके विषय में कथा है । उदय पर्वत पर उदित सूर्य का गतिरोध कर, तीन करोड़ राक्षस सूर्योदय के समय सूर्य पर आक्रमण करते थे । लोहित सागर मे निवास करते थे । प्रातः काल ऊर्ध्वमुख होकर, सूर्य से संघर्ष करने लगते थे । सूर्य मण्डल के ताप से सन्तप्त एवं ब्रह्म तेज से निहत होकर, समुद्र जल में पतित हो जाते थे । वहाँ से पुनर्जीवन प्राप्त कर, पर्वत शिखरों पर लौटते थे। उनका वह क्रम निरन्तर चलता रहता था (किष्किन्धा० : ४० : ४१; विष्णु : २४, १५ ) । कल्हण ने भी मन्देहों की
निरङ्कुशाः ॥ ४४ ॥
उपमा दी है । (द्रष्टव्य रा० : ४ : ५३ ) । वे सन्ध्या करने एवं गायत्री मन्त्र जाप से नष्ट होते है (ब्रह्म० : २ : २१ : ११० ; वायु: १६३ ) । कुशद्वीप के शूद्रों का नाम है ( विष्णु ० : २ : ४ : ३८ ) । पाद-टिप्पणी :
४४. ( १ ) ठक्कुर : इनका नाम हसन तथा हुसेन था । ये मुसलमान होने के पूर्व ठक्कुर राजपूत किंवा क्षत्रिय ठाकुर थे। मुसलमान होने पर भी अपनी पूर्व उपाधि ठक्कुर का प्रयोग, अपनी गौरव विशेषता दिखाने के लिये करते थे। आज भी अनेक मुसलमान वंश पूर्व उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान में हैं, जो अपना वंश परिचय सरकारी कागजों में