Book Title: Vijyanandsuri Swargarohan Shatabdi Granth
Author(s): Navinchandra Vijaymuni, Ramanlal C Shah, Shripal Jain
Publisher: Vijayanand Suri Sahitya Prakashan Foundation Pavagadh
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३. विनयशीलता ४. शुश्रुषा (सुनने की इच्छा व सेवा भावना) ५. श्रवण-पाठ श्रवण के प्रति सतर्कता ६. ग्रहण करने की क्षमता७. धारण-स्मरण रखने की योग्यता ८. स्मृति ९. ऊह-तर्क शक्ति, प्रश्नोत्तर करने की योग्यता १०. अपोह-स्वयं विचार करने की क्षमता ११. निर्णीति-स्वयं निर्णय लेने की क्षमता १२. संयम १३. प्रमाद का अभाव १४. सहज प्रतिभा-क्षयोपशम शक्ति १५. अध्यवसाय
उक्त योग्यताओं के प्रसंग में कुछ अयोग्यताओं पर भी विचार किया गया है, जिनके कारण व्यक्ति शिक्षा से वंचित रह जाता है । अथवा ज्ञान प्राप्त करके भी उसका सदुपयोग नहीं कर सकता।
उत्तराध्ययन सूत्र के अनुसार शिक्षा प्राप्ति के लिए पांच बाधक कारण ये हैं१. अहंकार, २. क्रोध, ३. प्रमाद (निद्रा, व्यसन आदि) ४. रोग, ५. आलस्य आचार्य जिनसेन ने३ इन्हें विस्तार देकर १४ कारण बताये हैं। १. कठोर परिणामी २. सार छोड़कर निसार ग्रहण करना ३. विषयी ४. हिंसक वृत्ति ५. शब्द ज्ञान व अर्थज्ञान की कमी
व्यक्तित्व के समग्र विकास की दिशा में 'जैन शिक्षा प्रणाली की उपयोगिता'
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