Book Title: Vijyanandsuri Swargarohan Shatabdi Granth
Author(s): Navinchandra Vijaymuni, Ramanlal C Shah, Shripal Jain
Publisher: Vijayanand Suri Sahitya Prakashan Foundation Pavagadh
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कवि चन्दूलाल कृत श्री आत्मानंद जीवन चरित्र :
परिचय एवं समीक्षा
- डॉ. नरेश कई वर्ष हले मैंने पंजाब के एक विस्मृत हिन्दी कवि पंडित चन्दूलाल की रचनाएँ खोजने का कार्य आरम्भ किया था। कार्य आसान नहीं था लेकिन मेरे भीतर का उत्साह भी कम नहीं था। जहाँ-जहाँ भी मुझे पंडित जी की किसी रचना के उपलब्ध होने की आशा होती, मैं वहाँ जाता और जो कुछ मेरे हाथ लगता, ले आता । कई वर्षों की खोज के बाद मैं पंडित जी की सात रचनाओं की पाण्डुलिपियों को हस्तगत कर पाने में सफल हो गया।
अब एक अन्य स्थिति सामने आई। पंडित जी युवावस्था में ही अंधत्व को प्राप्त हो गए थे। अत: उनकी अधिकांश रचनाएं उनके शिष्यों द्वारा लिपिबद्ध की गई थीं। इनमें से कुछ रचनाएँ फ़ारसी अक्षरों में, कुछ गुरुमुखी में तथा शेष नागरी में थीं। फ़ारसी तथा गुरुमुखी लिपि में प्राप्त रचनाओं का लिप्यंतर कर, उनको ग्रन्थानुसार नियोजित करना था। इसमें भी काफी समय लग गया।
अस्तु, इन सात ग्रन्थों में से छह ग्रन्थ मेरे द्वारा संपादित होकर प्रकाशित हो चुके हैं । प्रस्तुत ग्रन्थ इसी श्रृंखला की अन्तिम कड़ी है। यह ग्रन्थ जैन मूर्तिपूजक सम्प्रदाय के परम श्रद्धेय सन्त
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श्री विजयानंद सूरि स्वर्गारोहण शताब्दी ग्रंथ
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