Book Title: Vijyanandsuri Swargarohan Shatabdi Granth
Author(s): Navinchandra Vijaymuni, Ramanlal C Shah, Shripal Jain
Publisher: Vijayanand Suri Sahitya Prakashan Foundation Pavagadh
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कांगड़ा किले में स्थित मूर्ति को जैन पूजा विधि के आग्रह पर सरकार ने महासभा की बात स्वीकृत की थी।
___ स्वतंत्रता के बाद गुजरांवाला से इसका कार्यालय ई. सन् १९४७ में जालंधर स्थानांतरित किया गया। फिर इसे अम्बाला लाया गया। इसके बाद इसका प्रमुख कार्यालय लुधियाना में स्थापित किया गया जो अब तक लुधियाना में ही सुचारू रूप से चल रहा है।
इस समय संक्रांति वासक्षेप फंड एकत्र कर प्रतिवर्ष निराश्रित विधवाओं को वितरित होता
है।
महासभा का सुदीर्घ महान, प्रेरक, उज्जवल और स्वर्णिम इतिहास है। श्री आत्मानंद जैन महासभा के अन्तर्गत निम्नलिखित सभाएं हैंश्री आत्मानंद जैन सभा, लुधियाना श्री आत्मानंद जैन सभा, अम्बाला, श्री आत्मानंद जैन सभा, जालंधर श्री आत्मानंद जैन सभा, होशियारपुर श्री आत्मानंद जैन सभा, मालेरकोटला श्री आत्मानंद जैन सभा, पट्टी श्री आत्मानंद जैन सभा, जंडियाला श्री आत्मानंद जैन सभा, जगाधारी श्री आत्मानंद जैन सभा, दिल्ली श्री आत्मानंद जैन सभा, सुनाम श्री आत्मानंद जैन सभा, पानीपत श्री आत्मानंद जैन सभा, जीरा श्री आत्मानंद जैन सभा, सूरतगढ़ (राज.) श्री आत्मानंद जैन सभा, बीकानेर (राज.) श्री आत्मानंद जैन सभा, संगरूर
श्रीमद् विजयानंद सूरि (आत्मारामजी) के नाम से चलने वाली शिक्षण संस्थाएं एवं सभाएं
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