Book Title: Vijyanandsuri Swargarohan Shatabdi Granth
Author(s): Navinchandra Vijaymuni, Ramanlal C Shah, Shripal Jain
Publisher: Vijayanand Suri Sahitya Prakashan Foundation Pavagadh
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बालकों को इस विद्यालय में पढ़ाने का आग्रह रखाते हैं ।
श्री आत्मानंद जैन सीनियर सैकंडरी स्कूल और श्री आत्मानंद जैन मॉडल हाईस्कूल दोनों विद्यालयों का प्रबंध एक ही प्रबन्ध समिति के द्वारा होता है। यह विद्यालय बिना सरकारी सहयोग के केवल समिति की सम्पूर्ण वित्तीय व्यवस्था के अनुसार ही चलता है।
विद्यालय की ओर से 'वल्लभ ज्योति' नाम की वार्षिक पत्रिका प्रतिवर्ष पंजाब केसरी, युगवीर आचार्य श्रीमद् विजय वल्लभ सूरीश्वरजी महाराज के जन्म दिन के अवसर पर प्रकाशित होती है।
विद्यालय में जैन धर्म के अनुयायी बालकों के लिए जैन धर्म के प्राथमिक ज्ञान की अलग व्यवस्था है । दोनों स्कूल लुधियाना जैन संघ के गौरव हैं।
श्री आत्मानंद जैन गुरूकुल, झगड़िया झगड़िया तीर्थ नर्मदा नदी के मनोहर तट पर गुजरात के भरूच जिले में स्थित है। यह तीर्थ प्रकृति की सुरम्य गोद में बसा हुआ है। यहां पर प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव जी का भव्य, कलात्मक और प्राचीन मंदिर है।
ई. सन् १९५२ में पंजाब केसरी, युगवीर आचार्य श्रीमद् विजय वल्लभ सूरीश्वरजी महाराज बड़ौदा से जब बम्बई जा रहे थे उस समय उनकी भावना झगड़िया तीर्थ की यात्रा करके बम्बई की ओर बढ़ने की हुई।
वे झगड़िया पधारे । भगवान आदिनाथ के दर्शन कर उन्हें आत्मिक प्रसन्नता हुई। यहां के शान्त और सुरम्य वातावरण से वे बहुत प्रभावित हुए। उनके मन में स्वाभाविक रूप से विचार उठा कि ऐसे रम्य स्थान पर यदि गुरूकुल हो तो बच्चों में धार्मिक संस्कार डालने का उत्तम कार्य हो सकता है।
गुरु वल्लभ ने झगड़िया तीर्थ के ट्रस्टियों को अपने विचार से अवगत कराया। ट्रस्टियों ने उनके विचार का स्वागत किया और दि. २६-३-५२ को न्यायाम्भोनिधि आचार्य श्रीमद् विजयानंद सूरीश्वरजी महाराज के जन्म दिन के पावन प्रसंग पर एक बड़े समारोह में आचार्य श्रीमद् विजय वल्लभ सूरीश्वरजी महाराज ने यहां श्री आत्मानंद जैन गुरुकुल स्थापना की घोषणा की। दि. १८-३-५३ के दिन बम्बई निवासी श्री पुरषोत्तमदास सुरचंदभाई धांगध्रा वालों के
श्री विजयानंद सूरि स्वर्गारोहण शताब्दी ग्रंथ
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