Book Title: Vijyanandsuri Swargarohan Shatabdi Granth
Author(s): Navinchandra Vijaymuni, Ramanlal C Shah, Shripal Jain
Publisher: Vijayanand Suri Sahitya Prakashan Foundation Pavagadh
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भावनाओं का संचार करना।
अपनी स्थापना के बाद यह कॉलेज निरंतर प्रगति करता आया है। हजारों विद्यार्थी यहां शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं। यह दस एकड़ से भी अधिक क्षेत्रफल के विस्तार में फैला हुआ है जिसके अन्तर्गत महेश भोगीलाल स्टेडियम, वल्लभ वाटिका, नेमदास छात्र कक्ष, मुक्ताकार पुस्तकालय, भव्य प्रवेश द्वार, इलेक्ट्रोनिक्स ब्लाक, कीर्ति स्तम्भ, प्रशासनिक ब्लाक, गुरूवल्लभ की धातु प्रतिमा, प्रयोगशाला, जलपानगृह, अनुसंधान केंद्र आदि विद्यमान हैं।
कॉलेज के पास एक विशाल पुस्तकालय है जिसमें ५७००० से अधिक पुस्तकें संग्रहित हैं। यहां जैन धर्म-ग्रन्थों का भी विशाल भंडार है। कॉलेज की ओर से 'आत्मानंद' एवं 'सरस्वती सौरभ' दो पत्रिकाएं भी प्रकाशित होती हैं।
ई. सन् १९६४ में कॉलेज ने शान्तमूर्ति आचार्य श्रीमद् विजय समुद्र सूरीश्वरजी महाराज की निश्रा में अपना रजत जयन्ती समारोह मनाया।
ई. सन् १९८९ में जैन दिवाकर आचार्य श्रीमद् विजय इन्द्रदिन्न सूरीश्वरजी महाराज एवं कार्यदक्ष आचार्य श्रीमद् विजय जगच्चन्द्र सूरीश्वरजी महाराज की पावन निश्रा में कॉलेज ने अपना स्वर्ण जयन्ती समारोह मनाया।
कॉलेज की पाठ्येत्तर गतिविधियों के अन्तर्गत (१) साहित्य संगम (२) विद्यार्थी परिषद् (३) वाणिज्य परिषद् (४) योजना मंच (५) भौतिक रसायन परिषद् (६) स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र समिति (७) सामाजिक विज्ञान मंच (८) मानव कल्याण केन्द्र (९) युवा सेवा क्लब (१०) टैगोर नाटक परिषद्
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श्री विजयानंद सूरि स्वर्गारोहण शताब्दी ग्रंथ
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