Book Title: Vijyanandsuri Swargarohan Shatabdi Granth
Author(s): Navinchandra Vijaymuni, Ramanlal C Shah, Shripal Jain
Publisher: Vijayanand Suri Sahitya Prakashan Foundation Pavagadh
View full book text
________________
देवानन्दसूरि (पाण्डवचरितमहाकाव्य की रचना के प्रेरक)
यशोभद्रसूरि
(पाण्डवचरितमहाकाव्य की रचना में सहायक)
देवप्रभसूरि (पाण्डवचरितमहाकाव्य के
रचनाकार)
नरचन्द्रसूरि (कथारत्नाकर के
रचनाकार)
नरेन्द्रप्रभसूरि (वि.सं. १२८२/ई. सं. १२२६ में
अलंकारमहोदधि के रचनाकार)
पद्मदेवसूरि
श्रीतिलकसूरि
. राजशेखरसूरि (वि.सं. १३८५/ई.सन् १३२९ में
न्यायकंदलीपंजिका के रचनाकार)
सुधाकलश (वि.सं. १४०६/ई.सन्
१३५० में संगीतोपनिषत्सारोद्धार के
रचनाकार)
मलधारगच्छीय मुनिजनों द्वारा प्रतिष्ठापित १०० से अधिक सलेख जिन प्रतिमायें प्राप्त हुई हैं, जो वि.सं. ११९०/ई. सन् ११३४ से वि.सं. १६९९/ई. सन् १६४३ तक की है। इनमें से वि.सं. ११९० से वि.सं. १४१५ तक के प्रतिमालेखों का विवरण इस प्रकार है:
हर्षपुरीयगच्छ अपरनाम मलधारीगच्छ का संक्षिप्त इतिहास
१६७
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org