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हृदय, मन 2 घनिष्ठ मित्र, या विश्वस्त व्यक्ति; आकाशः तेजोवह तत्त्व या ब्रह्म जो मनुष्य के हृदय में रहता है (उपनिषदों में प्रायः यह शब्द पाया जाता है ) - आकूतम् गुप्त और छिपा हुआ प्रयोजन,
-आत्मन् (पुं०-त्मा ) 1 अंतस्तम प्राण या आत्मा, मन या आत्मा आन्तरिक भावना, हृदय, जीवसंज्ञोंतरात्मान्यः -- मनु० १२/१३, भग० ६ ४७, 2 (दर्श ० में) अन्तहित सर्वोपरि प्राण या आत्मा ( मानव के भीतर रहने वाला) अंतरात्मासि देहिनाम् – कु० ६ | २१ ; -- आराम ( वि० ) अपने आप में मस्त, अपने आत्मा या हृदय में ही सुख ढूंढ़ने वाला; योंत: सुखोंतरारामस्तथांतर्ज्योतिरेव सः - भग० ५१२४, - इन्द्रियम् आन्तरिक अंग या ज्ञानेन्द्रिय, करणम् हृदय, आत्मा, विचार और भावना का स्थान, विचार शक्ति, मन, चेतना--प्रमाणं० प्रवृत्तयः श० १।२२, - कुटिल ( वि० ) अन्दर से कपटी ( आलं ० ) ( लः) सीप, — कोणः अन्दर का कोण, कोपः गुप्त क्रोध, अन्दरूनी गुस्सा, गड्डु (वि०) व्यर्थ, अनावश्यक, निष्फल -- किमनेनांतर्गडुना सर्व० गम्, - गत दे० 'अन्तर्गम्' के नीचे, गर्भ (वि० ) पेट वाली, गर्भवती, गिरम्, -- गिरि ( अव्य० ) पहाड़ों में, गूढ़ ( वि० ) अन्दर से छिपा हुआ, 'विषः हृदय में जहर छिपाए हुए गृहम्, गेहम्, भवनम् घर का भीतरी भाग, घणः, -घणम घर के अन्दर की खुली जगह, -चर (वि०) शरीर में व्याप्त, - जठरम् पेट, - ज्वलनम् जलन या सूजन, ताप ( वि० ) अन्तर्दाह से युक्त ( -पः ) अन्दरूनी ज्वर या गर्मी, - श० ३।१३, दहनम्, दाहः 1 अन्दरूनी जलन 2 सूजन देश: परिधि के बीच का प्रदेश, द्वारम् घर के अंदर निजी या गुप्त दरवाजा, धि - हित आदि दे० शब्द के नीचे पटः, पटम् दो व्यक्तियों के बीच में कपड़े का परदा - पवम् ( अव्य० ) पद ( विभक्तियुक्त शब्द) के भीतर, परिधानम् सबसे नीचे पहना जाने वाला कपड़ा, पातः, पात्यः 1 ( व्या० ) बीच में अक्षर रखना 2 यज्ञभूमि के मध्य में जमाया हुआ स्तंभ (संस्कार विधियों में प्रयुक्त), -- पातित, पातिन् ( वि० ) 1 बीच में समाविष्ट 2 सम्मिलित या समाविष्ट अन्तर्गत होने वाला, - पुरम् 1 महल का अन्दरूनी भाग जो महिलाओं के उपयोग के लिए नियत किया गया हो, स्त्रियों के रहने का कमरा, रनवास, कन्यांतःपुरे कश्चित् प्रविशति --- पंच० १; 2 रनवास में रहने वाली स्त्रियां, रानी या रानियाँ, स्त्रियों का समुदाय - विरहपर्युत्सुकस्य राजर्षेः श०३, अध्यक्षः, रक्षकः, 'वर्ती अन्तःपुर का अधीक्षक या संरक्षक, चर: कञ्चुकी, 'जन: महल की
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स्त्रियां रनवास की महिलाएँ, प्रचारः अन्तःपुर की गप्पें कदाचिदस्मत्प्रार्थनामतः पुरेभ्यः कथयेत् श० २ सहायः अन्तःपुर से संबंध रखने वाला, पुरिकः कंचुकीचर:, प्रकृतिः (स्त्री० ) 1 मनुष्य का शरीर या उसका आंतरिक स्वभाव 2 राजा का मंत्रालय या मंत्रिमंडल 3 हृदय या आत्मा, प्रकोपनम् आंतरिक विरोध जमाना, प्रतिष्ठानम् - भीतरी आवास, - बाष्प ( वि० ) 1 जिसने आंसुओं को रोका हुआ हो- अन्तर्बापश्चिरमनुचरो राजराजस्य दध्यौमेघ० ३; 2 जिसके आंसू अन्दर ही अन्दर निकल रहे हों,
--- भावः, -भावना दे० 'अंतर्भू' के अन्तर्गत, - भूमिः (स्त्री०) भूमि का भीतरी भाग, भेवः वैमनस्य, आन्तरिक विरोध, भौम (वि०) भूमि के नीचे रहने वाला - मनस् ( वि० ) उदास, व्याकुल,
मृत (वि०) गर्भ में ही मर जाने वाला - यामः वाणी और श्वास को रोकना, लीन ( वि० ) 1 निहित, गुप्त, अन्दर छिपा हुआ, 'नस्य दुःखाग्नेः उत्तर० ३।९ 2. अन्तर्निहित - वंशः पुरम्, तु०, वंशिक:, --- वासिकः अन्तःपुर का अधीक्षक, वत्नी गर्भवती स्त्री वस्त्रम्, वासस् ( नपुं. ) अधोवस्त्र – वाणि ( वि०) बड़ा विद्वान्, - वेगः आन्तरिक बेचैनी या चिन्ता, आन्तरिक ज्वर, वेदिः - दी गंगा और यमुना के बीच का भूभाग - वेश्मन् ( न० ) घर के अन्दर का कमरा, भीतरी कोठा, - वैश्मिकः कंचुकी, - शरीरम् मनुष्य का आन्तरिक या आत्मिक भाग, शरीर का भीतरी भाग, शिला विन्ध्य पहाड़ से निकलने वाली नदी, संज्ञ ( वि० ) अन्तश्चेतन, सस्वा गर्भवती स्त्री, संतापः आन्तरिक पीडा, शोक, खेद, सलिल ( वि० ) जिसका पानी भूमि के अन्दर बहता हो,नदीमिवान्तः सलिलां सरस्वतीम् -- रघु० ३।९, सार ( वि० ) अन्दर से भरा हुआ, या शक्तिशाली, बलवान् भारी और जटिल - र घन तुलयितुं नानिलः शक्ष्यति - त्वाम् - मेघ ० २० ( रः) आन्तरिक कोष या भंडार, आन्तरिक निधि या तत्त्व, सेनम् (अव्यय) सेनाओं के बीच में, स्थः ('अंतस्थ' भी ) अर्धस्वर, क्योंकि वे स्वर और व्यंजनों के बीच में स्थित हैं और वागिन्द्रिय के ज़रा से संपर्क से बोले जाते हैं, स्वेदः मस्त हाथी, हासः गुप्त या दबाई हुई हँसी-हृदयम् हृदय का भीतरी भाग ।
अन्तर (वि० ) [ अन्तरातिददाति रा क] 1 अंदर होने वाला,
भीतर का ( विप० बाह्य) 2. निकट, समीप 3. संबद्ध, घनिष्ठ, प्रिय-अयमत्यन्तरो मम भारत 4. समान ( ' अन्तरतम भी ) ( ध्वनि और शब्दों के विषय में ) - स्थानेऽन्तरतमः पा० १।१।५० 5. से भिन्न, अन्य ( अपा० के साथ) 6. बाहर का, बाह्यस्थित, बाहर रहने वाला
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