Book Title: Samkit Pravesh - Jain Siddhanto ki Sugam Vivechana
Author(s): Mangalvardhini Punit Jain
Publisher: Mangalvardhini Foundation
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________________ जीव-अजीव समकित : पिछली कक्षा में हमने छह द्रव्यों के नाम देखे थे। जिसमें पहला जीव द्रव्य है। बाकी के पाँच अजीव द्रव्य हैं। आज हम उनको समझेंगे। लेकिन पहले तुम बताओ। प्रवेश : भाईश्री ! दादी ने बताया कि जो जान सकता है, सुख-दुख का अनुभव' कर सकता है वह जीव द्रव्य है और जो जान नहीं सकते, सुख-दुख का अनुभव नहीं कर सकते वह अजीव द्रव्य हैं। समकित : बिल्कुल सही कहा। जिसमें ज्ञान गुण है, वह जीव द्रव्य होता है और जिसमें ज्ञान गुण नहीं है वह अजीव द्रव्य होता है। ज्ञान गुण का मतलब है- जानने की शक्ति / प्रवेश : तो क्या पुद्गल आदि पाँच द्रव्य जान नहीं सकते ? समकित : नहीं। प्रवेश : यह पुद्गल क्या होता है ? समकित : यह चेयर जिसपर तुम बैठे हो, यह पैन जिससे तुम लिख रहे हो, यह कागज जिस पर तुम लिख रहे हो, यहाँ तक कि जो कुछ तुमको दिखाई देता है, वह सब पुद्गल ही तो है। क्योंकि पुद्गल ही तो दिखाई देता है। प्रवेश : ऐसा क्यों ? समकित : क्योंकि जैसे सिर्फ जीव में ही ज्ञान गुण है, दूसरे द्रव्यों मे नहीं। वैसे ही सिर्फ पुद्गल में ही रंग (वर्ण) नाम का गुण है, दूसरे द्रव्यों मे नहीं। और रंग गुण की पर्याय ही तो दिखाई देती हैं। 1.experience 2.ability