Book Title: Samkit Pravesh - Jain Siddhanto ki Sugam Vivechana
Author(s): Mangalvardhini Punit Jain
Publisher: Mangalvardhini Foundation
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________________ पूजा के प्रकार और उसका फल प्रवेश : क्या पूजा कई प्रकार की होती है ? समकित : हाँ, पूजा का वर्गीकरण' अनेक आधारों पर किया गया है। अवसर के आधार पर पूजा के पाँच प्रकार हैं: 1. नित्यमह पूजाः प्रतिदिन की जानेवाली पूजा। इसको सदार्चन पूजा भी कहते हैं। 2. चतुर्मुख पूजाः मुकुटबद्ध राजाओं द्वारा की जाने वाली महापूजा। 3. कल्पद्रुम पूजाः चक्रवर्ती राजा द्वारा किमिच्छिक-दान देकर की जाने वाली पूजा। 4. अष्टाह्न्कि पूजाः आठ दिन के पर्व में की जाने वाली पूजा। 5. ऐन्द्रध्वज पूजाः इन्द्रों द्वारा की जाने वाली पूजा। प्रवेश : और? समकित : नाम, स्थापना, द्रव्य, क्षेत्र, काल व भाव निक्षेप के आधार पर भी पूजा के भेद किये गये हैं: 1. नाम पूजाः अरिहंत आदि का नाम स्मरण करते हुए पुष्प क्षेपण करना नाम पूजा है। 2. स्थापना पूजाः यह दो प्रकार की होती है: __ स्थापना पूजा तदाकार स्थापना पूजा अतदाकार स्थापना पूजा (प्रतिमा मौजूद होने पर) (प्रतिमा मौजूद न होने पर) 1.categorization 2.basis 3.occasion 4.daily 5.desired-donations 6.festival 7.lords of heaven 8.shower