Book Title: Samkit Pravesh - Jain Siddhanto ki Sugam Vivechana
Author(s): Mangalvardhini Punit Jain
Publisher: Mangalvardhini Foundation
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________________ पाँच-भाव समकित : भाव शब्द का अर्थ द्रव्य, गुण (स्वभाव) व पर्याय तीनों होता है। यहाँ पाँच भावों में चार भाव पर्याय रूप हैं और पाँचवा भाव गुण (स्वभाव) रूप है। प्रवेश : ये पाँच भाव कौन से द्रव्य के गुण (स्वभाव) और पर्यायों से संबंधित समकित : ये पाँच भाव जीव द्रव्य के गुण (स्वभाव) और पर्यायों से संबंधित हैं यानि कि यह हमारे ही असाधारण भाव हैं। प्रवेश : असाधारण भाव मतलब ? समकित : मतलब यह पाँच-भाव जीव के अलावा किसी दूसरे द्रव्य में नहीं पाये जाते हैं। प्रवेश : वे पाँच भाव कौन-कौन से हैं, कृपया करके समझाईये। समकित : वे पाँच भाव हैं: 1. औदयिक भाव 2. औपशमिक भाव 3. क्षायोपशमिक भाव 4. क्षायिक भाव 5. पारिणामिक भाव इन पाँच भावों को हम निम्न चार्ट की मदद से समझेंगेः 1.related 2.uncommon